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नेशनल

सरकारी कर्मचारियों को पीएम मोदी ने दी खुशियों की सौगात, जानकर झूम उठेंगे आप!

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बढ़ा तोहफा दिया है। मौजूदा केंद्र सरकार अब राज्यों की तरह केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूतम सैलरी को बढ़ाने की ओर कदम बढ़ा रही है।

इसी के साथ ही सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को एक और बड़ा तोहफा देने का फैसला किया है जिससे देश कि ढाई लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को काफी फायदा हो सकता है।

सरकार ने ग्रामीण डाक सेवकों की सभी श्रेणियों के लिए लिमिटेड ट्रांसफर सुविधा की सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। आपको बता दें कि ग्रामीण डाक सेवक का केवल एक बार ही ट्रांसफर ले सकते हैं जबकि महिलाएएं यह सुविधा दो बार ट्रांसफर ले सकती है।

सरकार के फैसले के चलते कर्मचारी अपनी मर्जी के मुताबिक अपने घर, गांव या अपनी पसंदीदा जगह पर ट्रांसफर ले सकते हैं।इसके लिए कर्मचारियों को 3 साल का अनुभव होना जरुरी है। कर्मचारियों का ट्रांसफर तभी किया जाएगा जब उसके अनुरोध की पुष्टि हो जाएगी। सभी सरकारी औपचारिकता पूरी होने के बाद ही किसी भी कर्मचारी का ट्रांसफर हो सकेगा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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