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आध्यात्म

मकर संक्रांति पर इन 3 राशियों की किस्मत चमक जाएंगी रातोंरात, पैसों की होगी बारिश!

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नई दिल्ली। मकर संक्रांति के मौके पर आज हम आपको उन राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी किस्मत इस शुभ दिन खुलने वाली है। आइए जानते हैं कौन सी हैं वो राशियां जिनकी किस्मत रातों-रात जग जाएंगे।

कर्क-  इस राशि के लिए मकरसंक्रांति का त्योहार खुशियां लाएगे। कर्क राशि के लोगों के इस दिन धन लाभ की प्रबल संभावना है।

तुला- कुल कुटुम्ब में मांगलिक कार्य होंगे. शुभ प्रस्ताव मिलेंगे। विवाहादि के योग बनेंगे. रहन सहन संवार पर रहेगा। संग्रह संरक्षण को बल मिलेगा. वाणी व्यवहार प्रभावी रहेगा. बैंकिंग कार्यों में रुचि बढ़ेगी। धन धान्य में वृद्धि होगी। दान धर्म में आगे रहेंगे आत्म अनुशासन बढ़ेगा। जिद और जल्दबाजी से बचें।

मीन-  इस राशि के लोगों के लिए धनलाभ का योग बन रहा है। भ्रमण मनोरंजन के अवसर बनेंगे। लाभ और प्रभाव बढ़ेगा। विस्तार की योजनाएं सफल होंगी। शुभ प्रस्ताव मिलेंगे। प्रियजनों से भेंट होगी। परीक्षा प्रतियोगिता में उम्मीद से अच्छा करेंगे. संकोच त्यागें।

आध्यात्म

होलिका दहन पर भद्रा का साया, जानें शुभ मुहूर्त

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नई दिल्ली। 24 मार्च यानी आज होलिका दहन मनाया जाएगा. होली के एक दिन पहले होलिका दहन होती है जिसमें लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। इस दिन भद्रा का साया रहेगा. जबकि रंग वाली होली 25 मार्च को रंग-गुलाल उड़ेंगे। इस साल होली पर साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। आइए जानते हैं कि इस साल होलिका दहन पर भद्रा का साया कब से कब तक रहेगा और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है.

होलिका दहन पर भद्रा कब से कब तक?

24 मार्च को होलिका दहन के दिन भद्रा का साया सुबह 9 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इसलिए आप रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन कर पाएंगे।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से लेकर 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च को रात 11.13 बजे से रात 12.27 बजे तक रहेगा।

होलिका दहन की पूजन विधि

होलिका दहन के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। शाम के वक्त होलिका दहन के स्थान पर पूजा के लिए जाएं। यहां पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें. सबसे पहले होलिका को उपले से बनी माला अर्पित करें। अब रोली, अक्षत, फल, फूल, माला, हल्दी, मूंग, गुड़, गुलाल, रंग, सतनाजा, गेहूं की बालियां, गन्ना और चना आदि चढ़ाएं।

फिर होलिका पर एक कलावा बांधते हुए 5 या 7 बार परिक्रमा करें. होलिका माई को जल अर्पित करें और सुख-संपन्नता की प्रार्थना करें। शाम को होलिका दहन के समय अग्नि में जौ या अक्षत अर्पित करें. इसकी अग्नि में नई फसल को चढ़ाते हैं और भूनते हैं। भुने हुए अनाज को लोग घर लाने के बाद प्रसाद के रूप में बांटतें हैं। शास्त्रों में ऐसा करना बहुत ही शुभ माना गया है।

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