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प्रादेशिक

तेलंगाना में मारे गए विचाराधीन कैदियों के शव अस्पताल पहुंचाए गए

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हैदराबाद | तेलंगाना के नलगोंडा जिले में मंगलवार को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए पांच विचाराधीन कैदियों के शव वारंगल शहर के सरकारी एमजीएम अस्पताल में पहुंचा दिए गए हैं। यहां उनका परीक्षण होने के बाद उन्हें परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पुलिस ने बताया कि शवों को पहले जनगांव ले जाया गया था, लेकिन शव-परीक्षण के लिए उन्हें मंगलवार रात वारंगल ले जाया गया था। कानूनी प्रक्रिया के कारण इसमें देरी हुई। हालांकि वे नलगोंडा जिले के अलैर पुलिस थाना क्षेत्र में मारे गए थे, लेकिन चूंकि वे वारंगल केंद्रीय कारा के विचाराधीन कैदी थे, इसलिए उनके शव वारंगल ले जाए गए।

पुलिस के अनुसा, विक्वर अहमद उर्फ विक्वरुद्दीन और चार अन्य को वारंगल केंद्रीय कारा से हैदराबाद ले जाया जा रहा था। इसी बीच रास्ते में एक अभियुक्त ने पुलिस से हथियार छीनने और भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने गोलियां चलाई। हालांकि, आरोपियों के परिवारों ने इस मुठभेड़ को फर्जी करार दिया है। वे पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। विक्वर के पिता मोहम्मद अहमद ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग करते हुए कहा कि जब तक मामले की सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिए जाते, वह विक्वर का शव नहीं लेंगे। इस बीच, मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) और मानवाधिकार समूहों ने पुलिस की इस कार्रवाई को पिछले सप्ताह नलगोंडा जिले में आतंकियों द्वारा मारे गए पुलिसकर्मियों का ‘बदला’ करार दिया है।

घटना के 12 घंटों बाद पुलिस ने मंगलवार रात एक बयान में घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए इसे ‘मुठभेड़’ कहा था। मृतक कैदी 33 वर्षीय विक्वर, 27 वर्षीय सैय्यद अमजद, 35 वर्षीय जाकिर हैदराबाद के निवासी थे, जबकि मोहम्मद हनीफ (37) गुजरात के अहमदाबाद और इजहार खान (33) उत्तर प्रदेश के लखनऊ का रहने वाला था। पुलिस ने बताया कि वे मंगलवार की घटना की जांच कर रहे हैं। इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश

जौनपुर की चुनावी जंग हुई रोचक, बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को बनाया उम्मीदवार

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लखनऊ। बसपा ने उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि दूसरी ओर सपा ने एक वक्त में मायावती के करीबी रहे बाबू सिंह कुशवाहा को यहां से टिकट दिया है। वहीं बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री कृपाशंकर सिंह को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है।

मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक पहले बाहुबली धनंजय सिंह के सपा से चुनाव लड़ने की अफवाहों से सियासी गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई थी। इसके बाद उन्हें सजा हो गई और उनका लोकसभा चुनाव लड़ना टल गया। इन सबके बीच सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को इस सीट से मैदान में उतार दिया। इसके बाद बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी को टिकट देकर यहां मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है। उन्होंने बीएसपी के ऐलान के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘जय भीम जय जौनपुर’। उनके इस पोस्ट से सियासी हलचल बढ़ गई है।सूत्रों की मानें तो अब जौनपुरी सीट पर सियासी जंग काफी रोचक हो गई है।

इससे पहले उन्होंने धनंजय सिंह के जेल जाने के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट कर लिखा था, ‘आप सभी से एक अपील।हम आपकी भावनाओं की कद्र करते हैं लेकिन फैसला न्यायपालिका ने दिया है जिसका हमें सम्मान करना‌ चाहिए व साथ ही साथ अपने नेता श्री धनंजय जी का अनुसरण करते हुए किसी भी नेता अथवा दल के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपके नेता के व्यक्तित्व पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने आगे कहा था, ‘कभी किसी भी दल अथवा नेता के लिए ग़लत शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया, कृपया आप भी संयम बनाएं, धैर्य से काम लें।आपके नेता को आपके सहानुभूति की जरूरत है। उम्मीद करती हूं कि आप मेरी बातों पर अमल करेंगे।बता दें कि जौनपुर सीट पर छठवें चरण में 25 मई को वोट डाले जाएंगे।

 

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