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महिला नागा साधुओं के साथ होता है वो, जिसे सुनकर हम इंसान की कांप जाएंगी रूह
12 साल के अंतराल कुंभ मेले का आयोजन भारत के चार प्रमुख तीर्थ स्थानों प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में किया जाता है। इस दौरान यहां देश के साथ-साथ विदेशों से भी लोग स्नान करने आते हैं। इस बार साल 2019 में आने वाला मेला अर्धकुंभ मेला है। इसके अलावा कुंभ मेले में सबसे आकर्षण का केंद्र होते हैं नागा साधु। आइए जानते है, महिला नागा साधुओं के जीवन के अनसुने किस्से बारे में –
ये कोई एक दो महीने का काम नहीं है, जो भी महिला संन्यासन बनना चाहती है उनको पहले अपने गुरू को ये विश्वास दिलाना पड़ता है कि वह साधु बनने के लायक है।
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नागा संन्यासन बनने के लिए दस से 15 साल तक कठिन ब्रम्हचर्य का पालन करना होता है। इसके साथ उनको जीवित रहते हुए भी महिला को अपना पिंडदान करना पड़ता है।
महिलाओं को यह नागा सन्यासन बनाने से पहले खुद का ही मुंडन करना पड़ता है और फिर उस महिला को नदी में स्नान के लिए भेजा जाता है।
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पुरुष और महिला नागा साधुओ में एक ही अंतर है,जहां पुरुष नागा साधू निर्वस्त्र होकर स्नान करते हैं,वहीँ महिलाओं को एक पीला वस्त्र लपेटकर स्नान करना होता है। सिर्फ इतना ही नहीं महिलाओं को निर्वस्त्र साधुओं के साथ रहना भी पड़ता है। अगर कोई महिला इन सब परीक्षाओं को पास कर लेती है तो उन्हें माता की उपाधि दे दी जाती है।
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मालिक के साथ पीते पीते कुत्ता भी बना गया शराबी, कराया गया नशा मुक्त
लंदन। शराब की लत से परेशान लोगों को तो आपने देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी शराबी कुत्ते को देखा है? कैनाइन अल्कोहल विदड्राल यानि किसी पालतू जानवर की नशे की लत छुडाने के दुर्लभ मामले में ब्रिटेन के एक कुत्ते को नशा मुक्त कराया गया है। शराब की लत के लिए इलाज कराने वाला वह पहला कुत्ता बन गया है।
कुत्ते को शराब की ऐसी लत लगी कि उसका मालिक भी परेशान हो गया। मालिक के साथ ही कुत्ते को भी शराब की लत लग गई थी। न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, इलाज के बाद अब दो वर्षीय लैब्राडोर नस्ल के कोको को प्लायमाउथ, डेवोन में वुडसाइड एनिमल रेस्क्यू ट्रस्ट को सौंप दिया गया है।
अचानक पड़ने लगे दौरे
न्यूजवीक के अनुसार कि कोको नाम के 2 साल के लेब्राडॉर को एक अन्य कुत्ते के साथ एनिमल रेस्क्यू ट्रस्ट को सौंप दिया गया था। एनिमल वेलफेयर चैरिटी के फेसबुक पेज के अनुसार, लाख कोशिशें करने के बाद दूसरे कुत्ते को नहीं बचाया जा सका।
दोनों कुत्तों को ट्रस्ट को उस वक्त सौंपा गया, जब उन्हें दौरे पड़ने लगे। हालांकि, कोको अब पूरी तरह से ठीक होने वाला है। पोस्ट में बताया गया कि कोको गंभीर रूप से बीमार हो रहा था और उसे 24 घंटे देखभाल की जरूरत पड़ती थी।
कोको को दौरे पड़ने लगे। ऐसे में उसे पूरे चार हफ्तों तक बेहोश रखा गया, ताकि उसे बार-बार दौरे ना पड़ें और उसे जल्दी से ठीक किया जा सके।
कोको की हालत में हो रहा सुधार
अब कोको पहले से काफी हद तक ठीक हो चुका है और एक नॉर्मल कुत्ते की तरह बिहेव कर रहा है। सेंक्चुरी के मैनेजर ने बताया कि कोको अब अच्छी तरह से रिकवर कर रहा है।
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