प्रादेशिक
गोवा : दीपक धवलीकर पत्नी के बचाव में उतरे
पणजी | दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर अपनी पत्नी के विवादस्पद बयान के बाद गोवा के कारखाना एवं बॉयलर मंत्री दीपक धवलीकर पत्नी के बचाव में उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी के साथ कभी कोई छेड़छाड़ नहीं हुई, क्योंकि वह हमेशा साड़ी पहनती हैं। गौरतलब है कि धवलीकर की पत्नी लता धवलीकर ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि दुष्कर्म की घटनाएं, पश्चिमी सभ्यता के कारण बढ़ रही हैं।
इस बयान पर पत्नी का बचाव करते हुए सोमवार को धवलीकर ने कहा था कि पहले दुष्कर्म की घटनाएं कम होती थीं, क्योंकि देश में पश्चिम सभ्यता प्रभावी नहीं थी। मीडिया में मंगलवार को आई रपटों के मुताबिक, धवलीकर ने कहा, “उन्होंने (ममता धवलीकर) अपना पूरा जीवन कुमकुम और साड़ियां पहनकर बिताया है। वह कभी छेड़छाड़ का शिकार नहीं हुईं। यह बात लोगों को हरहाल में बताई जानी चाहिए।” धवलीकर ने कहा, “पहले दुष्कर्म की घटनाएं कम होती थीं, क्योंकि महिलाएं हिंदू धर्म का पालन करती थीं। अब पश्चिमी जीवनशैली के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।”
हिंदू जनजागृति समिति द्वारा रविवार को आयोजित एक बैठक में लता धवलीकर ने कहा था, “दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रहीं हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि महिलाओं ने पश्चिमी संस्कृति को अपना लिया है।” धवलीकर और उनके भाई सुदिन, गोवा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठबंधन में शामिल क्षेत्रीय दल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। पिछले साल अप्रैल में दीपक धवलीकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक हिंदू राष्ट्र के निर्माण की मांग की थी।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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