ऑफ़बीट
अगर आप भी फ़ोन रखते है इस जगह तो संभल जाइए, हो सकते है नपुंसकता के शिकारी
आज के दौर में हम सब लोग फ़ोन से दूर नहीं रह सकते है। आदत इतनी बुरी होगी है कि सोते समय स्मार्टफोन को अपने सिरहाने रखते है। अगर आप भी ये काम करते है, तो सभंल जाइए। दरअसल, ब्रिटेन की एक्जिटर सहित कई यूनिवर्सिटी के अध्ययन में मोबाइल से निकलने वाली विकिरणों को कैंसर से लेकर नपुंसकता तक के खतरे से जोड़ा गया है।
इस शोध में इस बात का पता चला कि फोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरणों को संभावित कार्सिनोजन (कैंसरकारी तत्वों) की श्रेणी में रखा है। साथ ही फ़ोन का ज्यादा यूज़ मस्तिष्क और कान में ट्यूमर पनपने की वजह बन सकता है, जिसके आगे चलकर कैंसर का भी रूप अख्तियार करने की आशंका रहती है।
बता दें, 2014 में प्रकाशित एक अध्ययन में फोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरणों का नपुंसकता से सीधे संबंध पाया गया था। शोधकर्ताओं ने बताया कि पैंट की जेब में फोन रखने से पुरुषों में न सिर्फ शुक्राणुओं का उत्पादन घटता है, बल्कि अंडाणुओं को निषेचित करने की उसकी गति भी धीमी पड़ जाती है।
शोधकर्ताओं का कहना था कि फोन, कंप्यूटर और टीवी की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी ‘स्लीप हार्मोन’ मेलाटोनिन का उत्पादन बाधित करती है। इससे व्यक्ति को न सिर्फ सोने में दिक्कत पेश आती है, बल्कि सुबह उठने पर थकान, कमजोरी और भारीपन की शिकायत भी सताती है।
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मालिक के साथ पीते पीते कुत्ता भी बना गया शराबी, कराया गया नशा मुक्त
लंदन। शराब की लत से परेशान लोगों को तो आपने देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी शराबी कुत्ते को देखा है? कैनाइन अल्कोहल विदड्राल यानि किसी पालतू जानवर की नशे की लत छुडाने के दुर्लभ मामले में ब्रिटेन के एक कुत्ते को नशा मुक्त कराया गया है। शराब की लत के लिए इलाज कराने वाला वह पहला कुत्ता बन गया है।
कुत्ते को शराब की ऐसी लत लगी कि उसका मालिक भी परेशान हो गया। मालिक के साथ ही कुत्ते को भी शराब की लत लग गई थी। न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, इलाज के बाद अब दो वर्षीय लैब्राडोर नस्ल के कोको को प्लायमाउथ, डेवोन में वुडसाइड एनिमल रेस्क्यू ट्रस्ट को सौंप दिया गया है।
अचानक पड़ने लगे दौरे
न्यूजवीक के अनुसार कि कोको नाम के 2 साल के लेब्राडॉर को एक अन्य कुत्ते के साथ एनिमल रेस्क्यू ट्रस्ट को सौंप दिया गया था। एनिमल वेलफेयर चैरिटी के फेसबुक पेज के अनुसार, लाख कोशिशें करने के बाद दूसरे कुत्ते को नहीं बचाया जा सका।
दोनों कुत्तों को ट्रस्ट को उस वक्त सौंपा गया, जब उन्हें दौरे पड़ने लगे। हालांकि, कोको अब पूरी तरह से ठीक होने वाला है। पोस्ट में बताया गया कि कोको गंभीर रूप से बीमार हो रहा था और उसे 24 घंटे देखभाल की जरूरत पड़ती थी।
कोको को दौरे पड़ने लगे। ऐसे में उसे पूरे चार हफ्तों तक बेहोश रखा गया, ताकि उसे बार-बार दौरे ना पड़ें और उसे जल्दी से ठीक किया जा सके।
कोको की हालत में हो रहा सुधार
अब कोको पहले से काफी हद तक ठीक हो चुका है और एक नॉर्मल कुत्ते की तरह बिहेव कर रहा है। सेंक्चुरी के मैनेजर ने बताया कि कोको अब अच्छी तरह से रिकवर कर रहा है।
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