आध्यात्म
मुसीबत लेकर आ रहा है शनिवार का राशिफल, इन राशियों पर पड़ेगा असर
Aries : मन अशान्त रहेगा। किसी मित्र के सहयोग से कारोबार का विस्तार हो सकता है। कार्यक्षेत्र में कठिनाई भी आ सकती है।
Taurus : स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। बातचीत में संयत रहें। जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। मित्रों का सहयोग मिलेगा।
Gemini : आशा-निराशा के मिश्रित भाव मन में रहेंगे। क्षणे रूष्ट-क्षण तुष्टा के भाव मन में रहेंगे। माता-पिता का सहयोग मिलेगा।
Cancer : मन अशान्त रहेगा। आत्मविश्वास में कमी आयेगी। किसी मित्र के सहयोग से नौकरी के अवसर मिल सकते हैं।
Leo : माता को स्वास्थ्य विकार हो सकता है। पिता का सानिध्य व सहयोग मिलेगा। अनियोजित खर्चों में वृद्धि हो सकती है।
Virgo : धैर्यशीलता में कमी आयेगी। आत्मसंयत रहें। धार्मिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ सकती है। आय वृद्धि के स्रोत विकसित हो सकते हैं।
Libra: क्रोध की अधिकता रहेगी। आत्मसंयत रहें। धन की स्थिति में सुधार होगा। जीवनसाथी का स्वास्थ्य विकार रहेंगे।
Scorpio : दाम्पत्य सुख में वृद्धि होगी। वस्त्रों आदि के प्रति रूझान बढ़ेगा। माता-पिता से आर्थिक सहयेाग मिलेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
Sagittarius : भवन के रखरखाव पर खर्च बढ़ सकते हैं। आय में कमी एवं खर्चों की अधिकता की स्थिति रहेगी। नौकरी में स्थान परिवर्तन हो सकता है।
Capricorn : पारिवारिक समस्याओं से परेशान रहेंगे। नौकरी में परिवर्तन की सम्भावना बन रही हैं। खर्चों की अधिकता रहेगी।
Aquarius : क्षणे रूष्टा-क्षणे तुष्टा के भाव रहेंगे। वाहन सुख में वृद्धि होगी। सन्तान की और से सुखद समचार मिल सकते हैं।
Pisces : धैर्यशीलता में कमी आयेगी। कार्यक्षेत्र में अनुकूल परिस्थितियां रहेंगी। भाई-बहनों का सानिध्य मिलेगा। खर्च अधिक रहेंगे।
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आध्यात्म
आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी
नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है
रामनवमी का इतिहास-
महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।
नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।
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