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आध्यात्म

नागपंचमी राशिफल : इन 5 राशि के लोगों के अच्छे दिन की होगी शुरूआत

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नागपंचमी से कुछ राशियों के शुभ समय की शुरुआत होने जा रही है। ज्योतिष के अनुसार – माता लक्ष्मी की कृपा बेहद खास और भाग्यशाली लोगों पर ही पड़ती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार – इन 5 राशि के ऐसे जातक हैं। जिन राशियों के ऊपर माता लक्ष्मी की असीम बनी रहने वाली है। इससे उनके जीवन से सभी संकट और दुखों का अंत हो सकता है।

बता दें, इन राशि के जातकों के लिए आज का दिन बहुत ही शुभ रहने वाला है। इन राशि के जातकों को दिन दुगुनी और रात चौगुनी तरक्की करने के कई शुभ अवसर प्राप्त होंगे। व्यवसाय से जुड़े सभी तरह की परेशानियां दूर होंगी।

नागपंचमी : इस गांव में रहते हैं सिर्फ भिखारी, सांप को वश में करने का चलता है स्कूल

इन राशि वालों का आने वाला समय आपके लिए बहुत ही लाभकारी और फायदेमंद साबित होने वाला है। दोस्तों की मदद से आप किसी नए बिजनेस या व्यापार की शुरूआत कर सकते हैं। इस दिन आपको अपना सच्चा प्यार भी मिल सकता है। जिन राशि को लाभ मिलाने वाला हैं, वो हैं – तुला, धनु, कुंभ, मिथुन और मीन राशि हैं।

 

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आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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