नेशनल
फैबइंडिया ने ईरानी से माफी मांगी, छिपे कैमरे से इंकार
मुंबई/नई दिल्ली | गोवा के एक स्टोर में एक छिपा कैमरा पाए जाने के एक दिन बाद फैबइंडिया ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड ने शनिवार को केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी से माफी मांगी, लेकिन शोरूम में कहीं भी कोई छिपा कैमरा लगा होने से इंकार कर दिया। एक बयान में कंपनी ने कहा, “अनजाने में हुई असुविधा के लिए हम माननीय मंत्री स्मृति ईरानी से माफी मांगते हैं।”
उसने हालांकि कैंडोलिम के स्टोर में छिपे कैमरे के सवाल पर कहा कि वह कैमरा निगरानी तंत्र का एक हिस्सा है और शोरूम के शॉपिंग एरिया में लगा है। उसने कहा, “स्टोर में ट्रायल रूम सहित कहीं पर भी छिपा कैमरा नहीं लगा है। जो भी कैमरे हैं, वे पूर्ण सार्वजनिक एरिया में लगे हैं और इस तरह के निगरानी कैमरे सभी स्टोर्स में लगे होते हैं।” फैबइंडिया ने इस बात से आश्वस्त किया कि उसके कर्मचारी व स्टोर प्रबंधक जांच में पुलिस का पूरा सहयोग कर रहे हैं, ताकि तर्कसम्मत निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके। घटना की जांच के लिए कंपनी ने अपनी तरफ से तीन सदस्यीय महिला दल को नियुक्त किया है और आश्वस्त किया है कि अगर किसी व्यक्ति द्वारा किसी तरह का दुर्व्यवहार किया गया है, तो उसे कानून के मुताबिक दंडित किया जाएगा।
शुक्रवार को हुई घटना के बाद कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की ओर इशारा करते हुए फैबइंडिया ने कहा कि यह एक महिला केंद्रित कंपनी है, जहां 70 फीसदी महिला कर्मचारी हैं। उसने कहा, “फैबइंडिया और उसके उत्पाद देश तथा दुनियाभर की महिलाओं द्वारा पसंद किए जाते हैं। हम महिलाओं की मर्यादा का सम्मान करते हैं और इसके लिए खड़े हैं। ग्राहक ही हमारे लिए सबकुछ हैं।”
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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