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प्रादेशिक

कुशीनगर : कागजों में अटकी हैं पर्यटन परियोजनाएं

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कुशीनगर| बौद्ध समुदाय की आस्था व श्रद्धा के केंद्र उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में पर्यटन के विकास की कई योजनाएं लंबे समय से परवान नहीं चढ़ पा रही हैं। कुशीनगर में प्रस्तावित मैत्रेय परियोजना हो, इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण या फिर बॉटलिंग प्लांट लगाने की योजना हो, ये सभी परियोजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गई हैं। अधर में लटकी इन परियोजनाओं को लेकर स्थानीय लोग राज्य सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लोगों का मानना है कि सरकार की इच्छाशक्ति की कमी की वजह से ये सभी योजनाएं हवा हवाई साबित हो रही हैं।

उप्र पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक पी.के. सिंह का हालांकि मानना है कि सरकार की सोच सकारात्मक है। सिंह के अनुसार, मेगा परियोजनाओं में कई तकनीकि दिक्कतें भी आती हैं। इस कारण से परियोजनाओं की स्थापना में देरी हुई। पर्यटन विभाग व सरकार अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रही है, ताकि जल्द से जल्द इन परियोजनाओं को पूरा किया जा सके।kushinagar tourism

कुशीनगर में मैत्रेय परियोजना की शुरुआत 2001 में तब हुई जब अफगानिस्तान के बामियान में बुद्ध की सबसे ऊंची प्रतिमा को तालिबान आतंकवादियों ने तोड़ दिया था। इस परियोजना के तहत बुद्ध की 500 फुट ऊंची प्रतिमा बनाई जानी है। इसके इर्द-गिर्द विश्वस्तरीय चिकित्सा व मेडिटेशन सेंटर समेत कई शैक्षणिक केंद्र भी खोले जाने की योजना है।

सरकार को परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी करने में पांच वर्ष लग गए। 2006 में अधिग्रहण की अधिसूचना जारी हुई तो लोगों को लगा कि अब यह परियोजना जल्दी पूरी हो जाएगी। इस बीच सरकार कई वर्षो तक किसानों के साथ जमीन विवाद में फंसी रही। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दिसंबर 2013 में परियोजना का शिलान्यास किया तो लगा कि अब कार्य शुरू हो जाएगा। एक वर्ष बाद अब जाकर सरकार ने मैत्रेय संस्था से नवीन करार किया है।

मैत्रेय परियोजना की तरह ही कुशीनगर में बनने वाले अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे की परियोजना भी अधर में लटकी हुई है। सरकार ने एयरपोर्ट संचालन के लिए केंद्र से होने वाली सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर लीं, पर ‘पीपीपी मॉडल’ के तहत बनने वाले इस एयरपोर्ट के निर्माण व संचालन के लिए कंपनियां ढूढ़े नहीं मिल रही हैं। इसके अलावा कुशीनगर को टियर टू शहर से महानगरों सरीखे शहरों की कतार में लाने के लिए कुशीनगर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण की स्थापना की गई। पर विकास के लिए बनी महायोजना 2031 अभी स्वीकृति के दौर से गुजर रही है। एक दशक से प्राधिकरण उधार के कार्यालय और उधार के कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है।

अधर में लटकी इन परियोजनाओं को लेकर स्थानीय लोग राज्य सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार सिन्हा की मानें तो विश्व के देश पर्यटन को रोजगार व आर्थिक विकास का बेहतर जरिया मान रहे हैं। अपने देश भारत के ही कई राज्य पर्यटन के सहारे विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़े हैं। राज्य सरकार में इस सोच का अभाव है। होटल कारोबारी आर.एम. गुप्ता का कहना है कि कुशीनगर की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक विरासत पूरी तरह से पर्यटन विकास के अनुरूप है, लेकिन सरकार इस बात को समझ नहीं पा रही है।

नेशनल

बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

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लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।

प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

 

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