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प्रादेशिक

पकड़ा गया बुलंदशहर हिंसा का मास्टरमाइंड, बजरंग दल से जुड़े हैं आरोपी के तार!

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लखनऊ। बुलंदशहर हिंसा के बाद अब पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी में जुट गई है। सोमवार रात पुलिस ने छापेमारी कर मुख्य शाजिशकर्ता योगेश राज सहित 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक योगेश बजरंग दल से जुड़ा है और उस पर घटनास्थल पर लोगों को  भड़काने का आरोप है।

पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक, योगेश राज अपने साथियों के साथ मिलकर भीड़ को भड़का रहा था। सोमवार दोपहर करीब 1.15 बजे, जब पुलिस चौकी पर भड़की हुई भीड़ पहुंची तो इंस्पेक्टर समेत अन्य अधिकारियों ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की।

लेकिन हथियारों से लैस भीड़ नहीं थमी, इसी दौरान पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की लाइसेंसी पिस्टल, मोबाइल फोन को उपद्रवियों ने छीन लिया। वहीं, वायरलैस सेट को भी तोड़ दिया गया था।

आपको बता दें कि बुलंदशहर में गोकशी के शक में दर्ज करवाई गई एफआईआर में योगेश राज भी था। योगेश राज शिकायत करने वालों में शामिल था।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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