Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

लखनऊ में भाजपा नेता की चाकू गोदकर हत्या

Published

on

Loading

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता की अज्ञात हमलावरों ने चाकू गोदकर हत्या कर दी। भाजपा नेता प्रत्यूष मणि त्रिपाठी (34) पर सोमवार को बादशाहनगर में हमला किया गया।

पुलिस के मुताबिक, उन्हें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

आधी रात के तुरंत बाद अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया, पुलिस के विरोध में नारेबाजी की और लखनऊ पुलिस के वरिष्ठ अधीक्षक कलानिधि नैथानी की तुरंत बर्खास्तगी की मांग की।

उग्र भीड़ ने आरोप लगाया कि त्रिपाठी ने जिला पुलिस प्रमुख को बताया था कि उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। उन्होंने सुरक्षा की मांग की थी लेकिन उनके आग्रह पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending