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नेशनल

पीएम मोदी की वजह से 2022 में होने जा रहा है ऐसा काम, जानकर आपको भी होगा गर्व!

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत 2022 में देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। मोदी ने शनिवार को ट्वीट के जरिए कहा, “उस विशेष वर्ष (भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष) में भारत जी-20 शिखर सम्मेलन में दुनिया का अभिनंदन करने का इंतजार कर रहा है!

दुनिया की सर्वाधिक तेज रफ्तार से उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाले देश भारत आइए! भारत के समृद्ध इतिहास और विविधता को जानिए और भारत के गर्मजोशी के साथ आतिथ्य का अनुभव कीजिए।”

एक अधिकारी ने बताया कि जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में यहां प्रधानमंत्री ने इटली से 2021 में जी-20 सालाना शिखर सम्मेलन का आयोजन करने और भारत को 2022 में इस सम्मेलन के आयोजन की मेजबानी करने का मौका देने का आग्रह किया।

उन्होंने बताया कि इटली और अन्य देशों ने मोदी के आग्रह को स्वीकार किया। इससे पहले भारत 2021 में और इटली 2022 में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाले थे।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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