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बिजनेस

शेयर बाजार : संसद के शीत सत्र पर रहेगी नजर

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मुंबई। आगामी सप्ताह में विभिन्न आर्थिक आंकड़े, विदेशी संस्थागत निवेश के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल के मूल्य पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी। बाजार के निवेशकों की निगाह आगामी सप्ताह में मुख्य रूप से संसद के शीतकालीन सत्र पर टिकी रहेगी। संसद का शीतकालीन सत्र 24 नवंबर को शुरू होने जा रहा है, जो 23 दिसंबर को समाप्त होगा। इस सत्र में आर्थिक महत्व के कई विधेयकों से संबंधित घटनाक्रमों पर निवेशकों की निगाह रहेगी। इस सत्र में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास व पुनस्र्थापना जैसे विधेयकों को पारित करने की कोशिश की जा सकती है। सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक पर भी कदम आगे बढ़ा सकती है।

सोमवार 17 नवंबर को चीन के दो शेयर बाजार स्टॉक कनेक्ट योजना की तहत जुड़ जाएंगे।  को जोड़ने की इस योजना को चीन के नियामकों ने 10 नवंबर को मंजूरी दे दी है। हांगकांग एक्सचेंजेज एंड क्लियरिंग (एचकेई) को शंघाई के शेयर बजार से जोड़ने की योजना को हांगकांग-शंघाई स्टॉक कनेक्ट कहा जा रहा है। शेयर बाजारों के जुड़ जाने से दोनों बाजारों के निवेशक दोनों ही बाजारों में सूचीबद्ध शेयरों में ट्रेड कर सकेंगे।

सोमवार 17 नवंबर को ही जापान तीसरी तिमाही के लिए अपनी विकास दर के ओकड़े जारी करेगा। इसी दिन अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व अक्टूबर महीने के लिए अमेरिका के औद्योगिक उत्पादन आंकड़े जारी करेगा।

निवेशकों की निगाह आगामी सप्ताह में कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत पर भी टिकी रहेगी। हाल के महीनों में तेल मूल्य में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इसी का फायदा उठाते हुए सरकार ने डीजल मूल्य को नियंत्रण मुक्त भी कर दिया है। कच्चे तेल की कीमत घटने से सरकार को चालू खाता घाटा और ईंधन महंगाई दर कम करने में मदद मिलेगी। देश को अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करना पड़ता है।

सरकारी तेल कंपनियां रविवार 16 नवंबर को मूल्यों की समीक्षा करेंगी।

भारतीय रिजर्व बैंक दो दिसंबर को मौद्रिक नीति की समीक्षा करने वाला है। रिजर्व बैंक पर ब्याज दरों में कटौती करने का दबाव है, क्योंकि गत सप्ताह जारी आंकड़ों के मुताबिक थोक और उपभोक्ता महंगाई दर दोनों में गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन इसके साथ ही औद्योगिक उत्पादन में हुई वृद्धि से रिजर्व बैंक सख्त मौद्रिक नीति पर बने रहने के लिए आश्वस्त रह सकता है।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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