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प्रादेशिक

बिहार : दवा खाने से इंकार पर पत्नी को मार डाला

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बिहार, बक्सर, ब्रह्मपुर, मोहम्मद मुस्तफा, पुलिस

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बक्सर| बिहार के बक्सर जिले के ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने पत्नी के सिर पर हथौड़े से वार कर मार डाला। इसकी वजह पत्नी द्वारा दवा खाने से इंकार करना बताया जा रहा है। ब्रह्मपुर के थाना प्रभारी गोरख राम ने शुक्रवार को बताया कि मोहम्मद मुस्तफा गुरुवार की रात अपनी बीमार पत्नी सलमा को दवा खाने के लिए दिया परंतु सलमा ने दवा खाने से इंकार कर दिया।

इंकार करने से भड़के मुस्तफा ने वहीं रखे एक हथौड़े से उसके सिर पर वार दिया, जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। राम ने बताया कि मृतका के भाई के बयान के आधार पर ब्रह्मपुर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है तथा आरोपी मुस्तफा को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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