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नेशनल

बीजेपी नेता ने राहुल गांधी से पूछा ऐसा सवाल, जानकर उड़ जाएगी कई कांग्रेसी दिग्गजों की नींद!

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नई दिल्ली। करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम में पाकिस्तान जाने पर पंजाब के मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू विवादों में घिर गए हैं।

हाल ही में पाकिस्तान दौरे पर गए सिद्धू एक फोटो में खालिस्तानी आतंकी गोपाल सिंह चावला के साथ नजर आए जिसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अकाली दल के निशाने पर आ गए।

भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से सवाल किया कि क्या वे क्रिकेटर से राजनेता बने पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को बर्खास्त करेंगे।

भाजपा विधायक ने कांग्रेस नेताओं से सिद्धू को उनके पाकिस्तान दौरे के दौरान खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला के साथ एक तस्वीर में देखे जाने पर यह सवाल किया है।

भाजपा विधायक मजिंदर सिंह सिरसा ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को लेकर राहुल गांधी द्वारा पूर्व में सवाल किए जाने पर कहा, “ग्रुप फोटो में मोदीजी की तस्वीर नीरव मोदी के साथ खींची गई और राहुल गांधी ने इसे एक बड़ा मसला बनाया।”

उन्होंने सवाल किया, “अब सिद्धू की तस्वीर पर उनका क्या कहना है।” सिरसा ने कहा, “या तो राहुल गांधी को मोदीजी से माफी मांगनी चाहिए या सिद्धू को बर्खास्त करना चाहिए।”

सिरसा ने सिद्धू के साथ चावला की तस्वीर के साथ ट्वीट के माध्यम से पूछा, “क्या कैप्टन साहब अपने गैरजिम्मेदार मंत्री को बर्खास्त करेंगे।”

सिद्धू करतारपुर गलियारे के शिलान्यास समारोह में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान गए थे। यह गलियारा भारत में गुरुदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक को करतारपुर गुरुद्वारे से जोड़ेगा।

गुरु नानक देव करतारपुर में अपने जीवन के अंतिम 18 साल बिताए थे।कार्यक्रम में भारत के केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी ने भी शिरकत की थी।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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