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नेशनल

दिल्ली पुलिस के ACP ने पुलिस हेडक्वाटर से कूदकर जान दी, दो साल पहले मिला था मेडल

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गुरुवार सुबह करीब 10 बजे दिल्ली पुलिस के एसीपी ने पुलिस हेडक्वाटर की10वीं मंजिल की छत से कूदकर असिस्टेंट कमिशनर रैंक के अफसर ने खुदकुशी कर ली। मृतक एसीपी की पहचान प्रेम बल्लभ के रूप में की गई है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एसीपी प्रेम वल्लभ (55 साल) स्थापना शाखा में तैनात थे। बिल्डिंग से छलांग लगाने के बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने एसीपी को मृत घोषित कर दिया।

बता दें, एसीपी वल्लभ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और ट्रैफिक यूनिट में भी तैनात रहे थे। उन्हें उत्कृष्ट सेवा के लिए 2016 में पुलिस मेडल भी दिया गया था।

पुलिस जांच में मौके पर सिंह ने एक सुसाइड नोट भी लिखकर छोड़ा है। नोट में सिंह ने वाइफ से झगड़े के बारे में लिखा है। सिंह के साथ उनके ससुरालवालों ने मारपीट की थी, जिसका पड़ोसियों ने वीडियो बना लिया था। वीडियो वायरल होने के बाद से सिंह काफी परेशान थे।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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