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नेशनल

बेंगलुरू में भाजपा पदाधिकारियों की बैठक

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बेंगलुरू| केंद्र में सत्ता में आने के बाद देशभर में अपने आधार को बढ़ाने और खास तौर से उन सात राज्यों में जहां उसकी हालत कमजोर है, को मजबूत करना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का मुख्य ध्येय रहेगा। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले पार्टी के पदाधिकारियों और संसदीय बोर्ड के सदस्यों ने गुरुवार को यहां बैठक की।  पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, जिन राज्यों में पार्टी कमजोर है उनमें तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा शामिल हैं। शुक्रवार से शुरू हो रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के एजेंडे पर गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में हुई पदाधिकारियों की बैठक में चर्चा की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बाद में पदाधिकारियों की बैठक में शामिल होना था और उन्हें संबोधित करना था। भाजपा प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने बैठक के बारे में चर्चा करते हुए कहा, “पार्टी एक राजनीतिक प्रस्ताव स्वीकार करेगी और भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किस तरह छवि सुधरी है इस पर एक प्रस्ताव स्वीकार करेगी।”

भाजपा नेता ने यह भी कहा कि भाजपा कार्यकर्ता क्लीन इंडिया और क्लीन गंगा अभियान में किस तरह शामिल हों। उन्होंने कहा कि शाह ने बैठक के शुरू में सदस्यता अभियान की सफलता के लिए बधाई दी। यह पूछे जाने पर कि भूमि अधिग्रहण विधेयक की राह में संसद में रोड़ा अटकने पर कोई चर्चा होगी या नहीं का जवाब देते हुए प्रवक्ता ने कहा, “राष्ट्रीय महत्व के सभी मुद्दों पर चर्चा होगी।” बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह संभवत: अंतिम बैठक होगी और अनुमान है कि इसमें राज्य में होने वाले चुनाव पर ध्यान केंद्रित रहेगा। हुसैन ने कहा, “क्या करेगा ‘जनता परिवार’, भाजपा जीतेगी बिहार।” दिल्ली में खराब प्रदर्शन पर भी विचार होगा यह पूछने पर प्रवक्ता ने कहा, “विजय और पराजय दोनों पर चर्चा होगी।”

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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