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प्रादेशिक

अजंता होप सोसाइटी द्वारा ‘बांझपन उपचार प्रबंधन‘ सेमिनार का किया गया आयोजन, 50 निःसंतान दंपत्तियों में जगाई आशा की किरण

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लखनऊ। अजंता होप सोसाइटी द्वारा ‘बांझपन उपचार प्रबंधन‘ पर एक सेमिनार का आयोजन बाल दिवस के मौके पर किया गया जिसमें 30 साल का अनुभव प्राप्त प्रसूता रोग विशेषज्ञ और आईवीएफ एक्सपर्ट डाॅ. गीता खन्ना ने 50 निसंतान दंपतियों को काउंसलिंग के दौरान उम्मीद की एक किरण जगाई।

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था समाज के सभी वर्गों चाहे वो गांव के हों या फिर शहरी या बाॅलीवुड-हाॅलीवुड की कोई हस्ती में बांझपन के प्रति जागरूकता पैदा करना। हालांकि वो सौभाग्यशाली दंपती जो समय रहते आईवीएफ विशेषज्ञ के पास जाते हैं संतान का सुख पाते हैं।

आईवीएफ के क्षेत्र में कॅरियर संवार रहे तीन दर्जन से भी अधिक युवा डाॅक्टर भी इस सेमिनार का हिस्सा बने जो बुधवार देर शाम तक चली। उन्होंने खेद जताया कि प्रदूषण, तनाव, मोटापा, यौन संचारित रोग, टीबी, पीसीओडी, आधुनिक जीवनशैली के कारक जैसे शराब सेवन, धूम्रपान, विवाह में देरी, दंपतियों की अलग-अलग शिफ्ट के घंटे, कॅरियर के आगे संतान प्राप्ति टालना और अंडाशय की खराब होती गुणवत्ता आगे जाकर बांझपर के कारण बनते हैं।

डाॅ. गीता खन्ना ने आगे बताया कि हार्मोन प्रबंधन सलाह और आईवीएफ(टेस्ट टयूब बेबी) में आधुनिक तकनीक उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों में कई उदास दंपतियों के चेहरे खिलाने में सफल रही है। सेमिनार के सत्र के दौरान क्वीन मेरी की पूर्व प्रोफेसर डाॅ. इंदु टंडन और हिंद मेडिकल काॅलेज के प्रसूति रोग विभागध्यक्ष डाॅ. एडी द्विवेदी ने भी अपना व्याख्यान दिया।

इससे पूर्व कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने अजंता हाॅस्पिटल की उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि कैसे 5000 दंपतियों के जीवन में यहां आने से उजियारा फैल गया। सेमिनार के दौरान हल्के फुल्के क्षणों मेें आईवीएफ के कई पुराने मरीज रूबरू हुए युवा निसंतान जोड़ों से और उन्होंने आईवीएफ संबंधी तमाम भ्रांतियां दूर की।

आईवीएफ के ये पुराने जोड़े बाल दिवस मनाने अजंता अस्पताल आए थे। इस मौके पर रौनक बिखेर रहे थे एक माह से 18 साल के बीच के 150 आईवीएफ बच्चे जो इस सत्र के प्रतिभागी रहे। इस दिन को यादगार बनाने के लिए फोटो शूट के साथ कई खेल, क्विज और ज्ञानवर्द्धक प्रतियोगिताएं भी हुईं। उल्लेखनीय है कि आईवीएफ के प्यारे-प्यारे बच्चों का यह जमावड़ा हर साल बाल दिवस अजंता हाॅस्पिटल में ही मनाता है।

उत्तर प्रदेश

हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार

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हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।

इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।

शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।

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