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नेशनल

भूमि विधेयक पर कोई समझौता नहीं : सोनिया

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भोपाल | कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा पारित किए गए भूमि विधेयक पर कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए विधेयक को ‘किसान विरोधी’ करार दिया। बेमौसम बारिश के कारण देश के कई किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों से मिलने के लिए मध्यप्रदेश दौरे पर आईं सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी उस विधेयक पर अटल है जिसे 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने पारित किया था।

सोनिया ने कहा, “आप जानते हैं कि भूमि विधेयक पर क्या हो रहा है। हम इस पर समझौता नहीं करेंगे। नया विधेयक किसान विरोधी है। हम उस विधेयक पर अटल हैं जिसे कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने पारित किया था।” उन्होंने कहा कि 2013 के भूमि विधेयक का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित कई पार्टियों ने समर्थन किया था। सोनिया गांधी ने कहा, “आप मुझे बताइये इस विधेयक में क्या कमी है। नया विधेयक किसानों के हित में नहीं है। यह कॉरपोरेट क्षेत्र को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है।” भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने नए भूमि विधेयक को नौ संशोधनों के साथ लोकसभा में पारित करा लिया है। लेकिन मोदी सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है इसीलिए सरकार ने इसे उच्च सदन में अभी पेश नहीं किया है।

कांग्रेस के अलावा विपक्ष की कई अन्य पार्टियों ने इस विवादास्पद विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दोबारा से भूमि अधिग्रहण लागू करने पर अपनी सहमति दे दी है। पूर्व में जारी किए गए अध्यादेश की अवधि पांच अप्रैल को समाप्त हो रही है। सोनिया ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी किसानों के अधिकारों लिए लड़ाई लड़ रही है और इसे जारी भी रखेगी।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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