प्रादेशिक
KarvaChauth2018 : ओ स्त्री ये क्या कर दिया, व्रत रखती तो शायद बच जाता पति!
मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में शनिवार को करवा चौथ के दिन एक गांव में बीमार पत्नी ने व्रत रखने में लाचारी जताई तो पति ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
दरअसल, बीमारी की वजह से पत्नी ने व्रत नहीं रखा। इससे पति नाराज होगा। और फिर जब पत्नी किसी काम से घर के बाहर गई, तो पति ने फांसी लगा ली थी। जब पत्नी घर लौटी तो उसे पति का शव पंखे में लटका देखा। दोनों की शादी 1 साल पहले ही हुई थी।
फ़िलहाल पुलिस इस आत्महत्या मना रही हैं। इस आत्महत्या का कारण पति और पत्नी के बीच झगड़ा ही मान रही है। पुलिस घटना की जांच कर रही है। मृतक जैंत चौकी के गांव मघेरा का निवासी था।
इस घटना के बाद मृतक के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने खुदकुशी का मामला मानते हुए कोई शिकायत न मिलने तक कार्रवाई से इनकार किया है। जानकारी के मुताबिक मृतक दिनेश टेलरिंग का काम करता था।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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