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आध्यात्म

Sharad Purnima 2018: शरद पूर्णिमा पर बनाएं खीर, इसको खाने से दूर होगें सारे रोग

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वर्ष की सभी पूर्णिमाओं में शरद पूर्णिमा अनूठी है। अश्विन मास के शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। मान्‍यता है कि यही वो दिन है जब चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से युक्‍त होकर धरती पर अमृत की वर्षा करता है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा, माता लक्ष्‍मी और विष्‍णु जी की पूजा का विधान है। साथ ही खीर बनाकर उसे आकाश के नीचे रखा जाता है। आइए जानते हैं, शरद पूर्णिमा के दिन खीर का महत्‍व और खीर को खाने से होने वाले फायदे –

शरद पूर्णिमा की खीर बनाने की विधि –
एक मोटे तले वाले बर्तन में दूध डालें और इसे एक चौथाई भाग घटने तक पकाएं।
दूध तीन चौथाई रह जाने के बाद इसमें दूध की मात्रा के अनुसार चावल डालें।
एक करछी से इस मिक्स्चर को चावल पकने तक चलाते रहें।
चावल अच्छे से पक जाने के बाद इसमें आवश्यकतानुसार चीनी डालें।
कुछ देर बाद खीर में इलाइची पाउडर और मेवे डालें।
खीर को 5 मिनट और चलाएं फिर गैस बंद कर दें।

शरद पूर्णिमा की खीर खाने के फायदे –
मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की खीर अस्थमा रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद बताई जाती है।
अस्थमा मरीजों के साथ-साथ शरद पूर्णिमा की खीर को चर्म रोग से परेशान लोगों के लिए भी अच्छा बताया जाता है।
यह खीर आंखों से जुड़ी बीमारियों से परेशान लोगों को भी बहुत फायदा पहुंचाती है।
आंखों, दमा और चर्म रोग में फायदा दिलाने के साथ शरद पूर्णिमा का चांद और खीर दिल के मरीज़ों और फेफड़े के मरीज़ों के लिए भी काफी फायदेमंद होती है।
मान्यता है कि अगर किसी भी व्यक्ति को चर्म रोग हो तो वो इस दिन खुले आसमान में रखी हुई खीर खाए।

आध्यात्म

होली पर पड़ेगा चंद्रग्रहण, होलिका दहन के समय नहीं होगा भद्रा का साया

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होली पर चंद्रग्रहण लग रहा है, किंतु यह भारत मे नही दिखाई देगा। न ही होलिका दहन पर भद्रा का असर होगा। फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन के लिए 1.20 घंटे का शुभ मुहूर्त बन रहा है। इसके साथ ही होलिका दहन पर सर्वार्थसिद्धि और रवि योग का निर्माण हो रहा है। काशी सहित पूरे देश मे 25 मार्च को होली मनाई जाएगी।

फाल्गुन पूर्णिमा की शुरुआत 24 मार्च को सुबह 8:13 बजे से होगी। अगले दिन 25 मार्च को सुबह 11:44 बजे तक रहेगी। होलिका दहन के दिन 24 मार्च को भद्रा सुबह 9:55 बजे से शुरू होकर रात 11:13 बजे तक भद्रा की छाया रहेगी। होलिका दहन के समय भद्रा का साया नही रहेगा।

होलिका दहन मुहूर्त- होलिका दहन भद्रा के बाद रात 11:13 बजे से मध्य रात्रि 12:33 के मध्य होगा। सर्वाथ सिद्ध योग सुबह 7:34 बजे से अगले दिन सुबह 6:19 बजे तक है। रवि योग सुबह 6:20 बजे से सुबह 7:34 बजे रहेगा।

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