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आध्यात्म

KarvaChauth2018 : करवा चौथ के दिन अपनी पत्नी को दें ये गिफ्ट्स, हो जाएंगी खुश

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करवा चौथ का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। करवाचौथ का त्योहार पति-पत्नी के मजबूत रिश्ते, प्यार और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सलामती के लिए व्रत रखती हैं। इस बार करवा चौथ शनिवार 27 अक्टूबर 2018 को है।

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करवा चौथ का दिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन पत्नी को पति द्वारा दिए जाने वाले गिफ्ट का भी खास इंतजार रहता है। आज हम आपको कुछ ऐसे गिफ्ट बताएंगे, जो आप करवा चौथ के दिन अपनी वाइफ दे सकते हैं। यकीनन वो गिफ्ट आपकी वाइफ को जरूर पसंद आएगा।

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फोटो क्लोज – आजकल फोटो का खूब ट्रेंड चल रहा है। आप पत्नी के चेहरे पर स्माइल देखना चाहते हैं, तो पत्नी को पहले की फोटो व अभी की फोटो का जुड़ा एक कोलाज गिफ्ट कर सकते हैं।

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किताबें या किंडल – अगर आपकी वाइफ किताबें या पत्रिकाएं पढ़ने की शौकिन हैं तो आप उन्हें इस करवा चौथ किंडल गिफ्ट कर सकते हैं या फिर पत्नी के पसंदीदा लेखक की किताब भी दे सकते हैं।

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हेयर स्ट्रेटनर – आज कल बालों को स्ट्रेट करने का चलन है। आपकी पत्नी को भी अगर बाहर से हर बार हेयर प्रेस करवाने पड़ते हैं और आप चाहते हैं कि बार बार पार्लर न जाना पड़ें तो आप पत्नी को करवा चौथ के गिफ्ट के तौर पर हेयर स्ट्रेटनर गिफ्ट में दे सकते हैं।

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ब्यूटी ट्रीटमेंट – हर महिला को पार्लर जाना व सजना संवरना बेहद पसंद होता है। आप चाहे तो पत्नी को सपा व ब्यूटी पार्लर से जुड़े किसी पैकेज को गिफ्ट कर सरके हैं।

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रेस्टोरेंट में रोमांटिक डेट डिनर – करवा चौथ की रात को खूबसूरत बनाने और पत्नी को सरप्राइज देने के लिए आप रोमांटिक डिनर प्लान कर सकते हैं।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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