आध्यात्म
भारत की इन जगहों पर दशहरे के दिन जलाया नहीं पूजा जाता है रावण
भारत में दशहरा के दिन पूरे धूम धाम से रावण का दहन किया जाता है। लोगों का मानना है कि रावण दहन के साथ लोग अपने अंदर की बुराइयों को भी दहन करते हैं। लेकिन भारत में ही ऐसी कुछ जगह हैं, जहां दशहरा के दिन रावण का दहन करने के बजाए रावण की पूजा की जाती है। ऐसा होने के पीछे कई मान्यताएं और तथ्य प्रचलित हैं। आइए जानते उन जगहों के बारे में जहां दशहरा के दिन रावण के दहन की जगह उनकी पूजा की जाती हैं।
उज्जैन, मध्य प्रदेश- मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के चिखली गांव में भी रावण का दहन नहीं किया जाता है। यहां के बारे में कहा जाता है कि रावण की पूजा नहीं करने पर गांव जलकर राख हो जाएगा। इसलिए इस गांव में दशहरे पर रावण का दहन करने के बजाए पूजा की जाती है। इस गांव में रावण की विशालकाय मूर्ति भी स्थापित है।
काकिनाड, आंध्रप्रदेश- आंध्रप्रदेश के काकिनाड में रावण का मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर में भगवान शिव के साथ रावण की भी पूजा की जाती है।
बिसरख, उत्तर प्रदेश- उत्तर प्रदेश के बिसरख गांव में भी रावण का मंदिर बना हुआ है और यहां पर रावण का पूजन होता है। ऐसा माना जाता है कि बिसरख गांव, रावण का ननिहल था।
जोधपुर, राजस्थान- राजस्थान के जोधपुर में रावण का मंदिर है। यहां के कुछ समाज विशेष के लोग रावण का पूजन करते हैं और खुद को रावण का वंशज मानते हैं। यही कारण है कि यहां के लोग दशहरा के अवसर पर रावण का दहन करने के बजाए रावण की पूजा करते हैं।
अमरावती, महाराष्ट्र- अमरावती के गढ़चिरौली नामक स्थान पर आदिवासी समुदाय द्वारा रावण का पूजन होता है। कहा जाता है कि यह समुदाय रावण और उसके पुत्र को अपना देवता मानते हैं।
बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश- कांगड़ा जिले के इस कस्बे में भी रावण की पूजा की जाती है। मान्यता है कि रावण ने यहां पर भगवान शिव की तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे मोक्ष का वरदान दिया था। यहां के लोगों की ये भी मान्यता है कि अगर उन्होंने रावण का दहन किया तो उनकी मौत हो सकती है। इस भय के कारण भी लोग रावण के दहन नहीं करते हैं बल्कि पूजा करते हैं।
कनार्टक- कनार्टक के कोलार जिले में भी रावण की पूजा की जाती है। यहां की धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, रावण भगवान शिव का भक्त था, जिस कारण यहां के लोग रावण की पूजा करते हैं। इसके अलावा कर्नाटक के मंडया जिले के मालवली नामक स्थान पर रावण का मंदिर बना हुआ है, जहां लोग उसे महान शिव भक्त के रूप में पूजते हैं।
मंदसौर, मध्यप्रदेश- कहा जाता है कि मंदसौर का असली नाम दशपुर था और यह रावण की वाइफ मंदोदरी का मायका था। ऐसे में मंदसौर रावण का ससुराल हुआ। इसलिए यहां दामाद के सम्मान की परंपरा के कारण रावण के पुतले का दहन करने की बजाय उसकी पूजा की जाती है।
आध्यात्म
होली पर पड़ेगा चंद्रग्रहण, होलिका दहन के समय नहीं होगा भद्रा का साया
होली पर चंद्रग्रहण लग रहा है, किंतु यह भारत मे नही दिखाई देगा। न ही होलिका दहन पर भद्रा का असर होगा। फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन के लिए 1.20 घंटे का शुभ मुहूर्त बन रहा है। इसके साथ ही होलिका दहन पर सर्वार्थसिद्धि और रवि योग का निर्माण हो रहा है। काशी सहित पूरे देश मे 25 मार्च को होली मनाई जाएगी।
फाल्गुन पूर्णिमा की शुरुआत 24 मार्च को सुबह 8:13 बजे से होगी। अगले दिन 25 मार्च को सुबह 11:44 बजे तक रहेगी। होलिका दहन के दिन 24 मार्च को भद्रा सुबह 9:55 बजे से शुरू होकर रात 11:13 बजे तक भद्रा की छाया रहेगी। होलिका दहन के समय भद्रा का साया नही रहेगा।
होलिका दहन मुहूर्त- होलिका दहन भद्रा के बाद रात 11:13 बजे से मध्य रात्रि 12:33 के मध्य होगा। सर्वाथ सिद्ध योग सुबह 7:34 बजे से अगले दिन सुबह 6:19 बजे तक है। रवि योग सुबह 6:20 बजे से सुबह 7:34 बजे रहेगा।
-
योग एवं आयुर्वेद2 hours ago
डिप्रेशन से लड़ने में मददगार है वर्कआउट, हैप्पी हॉर्मोन्स होते हैं डेवेलप; जानिए डिटेल
-
नेशनल1 day ago
पीएम मोदी का राहुल गांधी पर पलटवार, कहा- मेरे लिए हर मां, बेटी और बहन ‘शक्ति’ का रूप है
-
नेशनल1 day ago
सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका की खारिज, आज ही जाना होगा जेल
-
आध्यात्म2 days ago
होली पर पड़ेगा चंद्रग्रहण, होलिका दहन के समय नहीं होगा भद्रा का साया
-
नेशनल2 days ago
समुद्री डाकुओं के लिए काल बनी भारतीय नौसेना, 40 घंटे के ऑपरेशन में 35 समुद्री लुटेरों ने किया सरेंडर
-
प्रादेशिक2 days ago
नोएडा पुलिस का एक्शन, सांपों के जहर मामले में एल्विश यादव गिरफ्तार
-
नेशनल2 days ago
ईडी ने केजरीवाल को भेजा 9वां समन, 21 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया
-
खेल-कूद2 days ago
वर्ल्ड कप 2023 की पिच को लेकर मोहम्मद कैफ का बड़ा खुलासा, कहा- मेरे देखते ही दखते…..