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नेशनल

नरेंद्र मोदी को मिली जान से मारने की धमकी, मेल में दिन तारीख का भी जिक्र!

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नरेंद्र मोदी

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नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में उस समय हड़कंप मच गया जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने का धमकी भरा ईमेल दिल्ली पुलिस कमिश्नर को मिला।

नरेंद्र मोदी

मिली जानकारी के मुताबिक ये धमकी भरा ईमेल असम के किसी जिले से आया है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर को मिले इस एक लाइन के ईमेल में 2019 का जिक्र किया गया है साथ ही दिन और महीने के बारे में भी बताया गया है।

ईमेल मिलने के बाद पुलिस पूरी तरह से सतर्क हो गई है और मेल की जांच में जुट गई है। आपको बता दें कि इससे पहले भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच के दौरान भी पीएम मोदी की हत्या की साजिश का सनसनीखेज खुलासा हुआ था।

लेफ्ट गुटों से संबंधित कुछ लोगों से पत्र मिले थे जिसमें राजीव गांधी की तरह ही पीएम मोदी की हत्या की साजिश रचने की बात कही गई थी। इन पत्रों के मिलने के बाद से कुछ लोगों की गिरफ्तारियां हुई जो अब तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाउस अरेस्ट हैं।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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