अन्तर्राष्ट्रीय
मालदीव : नशीद को राजनीति से रोकने के लिए कानून पारित
माले| मालदीव की संसद ने एक नया कानून पारित किया है, जिसके तहत जेल की सजा काट रहे लोग किसी राजनीतिक पार्टी की सदस्यता नहीं ले सकते। माना जा रहा है कि यह कानून सत्ता से अपदस्थ मालदीप के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) की सदस्यता से रोकने के लिए है। नशीद इस पार्टी के सह-संस्थापक हैं। 85 सदस्यीय संसद में सोमवार को इस कानून को 42-2 मतों के अंतर से पारित किया गया है।
एमडीपी के सांसदों ने मतदान की इस प्रकिया में भाग नहीं लिया और मजलिस (संसद) में जब सदन के उपाध्यक्ष ‘रीको’ मूसा मानिक ने मतदान की घोषणा की तो एमडीपी के सांसदों ने इसका विरोध किया और मेगाफोन और सायरन का इस्तेमाल किया ताकि उपाध्यक्ष की आवाज न सुनाई दे।
सत्ताधारी प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव को संसद में स्पष्ट बहुमत प्राप्त है।
नशीद जब सत्ता में थे तो उन्होंने एक न्यायाधीश को नजरबंद रखा था, जिसके बाद उन्हें सत्ता से अपदस्थ कर दिया गया था और मार्च में उन्हें आतंकवाद के आरोप में दोषी ठहरा गया। इस कानून के पारित होने के बाद अब नशीद को एमडीपी के नेतृत्व और सदस्यता दोनों से इस्तीफा देना होगा।
मिनिवान न्यूज के मुताबिक, उन्हें आतंकवाद के मामले में दोषी पाए जाने पर 13 साल की सजा सुनाई गई है।
नशीद के समर्थकों का कहना है कि यह आरोप उन्हें 2018 के राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने से रोकने के लिए लगाए गए हैं।
एमडीपी के प्रमुख अली वहीद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी इन नए संशोधनों को स्वीकार नहीं करेगी और अपने नेता का चुनाव स्वयं करेगी।
पार्टी ने कहा कि जेल की सजा होने के बावजूद नशीद की एमडीपी के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी बरकरार है।
वहीद ने कहा, “चूंकि वे सत्ता में हैं इसलिए वे अपने राजनीतिक विरोधियों को खत्म करना चाहते हैं। आप इस बात को लिख लीजिए अंतत: वे एमडीपी को भंग करने की कोशिश करेंगे। लेकिन जो हमारे दिलों में है, उसे वे कैसे समाप्त कर देंगे।”
विपक्ष के विरोध के कारण हालांकि संसद में इस विधेयक पर चर्चा नहीं हो पाई।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।
चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।
उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”
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