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प्रादेशिक

अखिलेश को छोड़ शिवपाल के पास जा पहुंचे मुलायम, सियासी गलियारों में मचा हड़कंप!

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मुलायम

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) में लगातार उपेक्षा का शिकार होने के बाद शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से अपनी राह अलग कर समाजवादी सेकुलर मोर्चा का गठन कर लिया। मोर्चे के गठन के बाद शिवपाल ने कई बार सार्वजनिक मंचो अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा साथ ही बार-बार यह कहते हुए भी नजर आए कि उन्हें मुलायम का आशीर्वाद प्राप्त है। मोर्चे के गठन के बाद मुलायम सिंह और शिवपाल यादव एक साथ मंच साझा करते नजर आए। लखनऊ में डॉ. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर मुलायम व शिवपाल एक साथ मौजूद रहे।

लोहिया को पुष्पांजलि देते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि ‘लोहिया जी गरीब परिवार से थे। उन्होंने देश-विदेश में नाम कमाया। वह कहा करते थे अन्याय कहीं भी हो, उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। उन्हीं के बताए रास्ते पर चलकर गरीब व किसानों का सपना पूरा हो सकता है। वह बहुत सादगी से जीवन व्यतीत करते थे। उनके पास सिर्फ दो जोड़ी कपड़े हुआ करते थे।’

वहीं, शिवपाल यादव ने कहा कि ‘नेताजी (मुलायम सिंह यादव) का आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ है। नेताजी ने लोहिया जी के विचारों को लेकर संघर्ष किया। शिवपाल ने कहा कि लोहिया जी के सिद्धांतों से प्रेरित होकर ही सेकुलर मोर्चा का गठन किया है।’ शिवपाल ने कहा कि ‘नेताजी हमारे साथ हैं तो हम निश्चित रूप से बेहतर काम करेंगे और देश-प्रदेश में बदलाव लाएंगे।’

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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