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नेशनल

भेल तेलंगाना में स्थापित करेगी बिजली संयंत्र

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नई दिल्ली | सरकारी कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) ने सोमवार को कहा कि वह तेलंगाना में तेलंगाना राज्य बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड (टीएसजीईएनसीओ) के लिए 5,000 करोड़ रुपये की लागत से 270 मेगावाट की चार इकाइयों की स्थापना करेगी। इकाइयों की स्थापना राज्य के खम्माम जिले के मनुगुरु में की जाएगी।

कंपनी ने एक बयान में कहा, “परियोजना के 24 महीने में पूरा करने का लक्ष्य है और तेज मंजूरी तथा कार्यसंपादन के लिए टीएसजीईएनसीओ तथा भेल अपने-अपने दलों का गठन कर रही हैं।” कंपनी ने बताया कि गत वर्ष दिसंबर में तेलंगाना की सरकारी कंपनी ने भेल को राज्य के कोठागुडेम में तेलंगाना का पहला सुपर क्रिटिकल ताप बिजली संयंत्र (800 मेगावाट) स्थापित करने का ठेका दिया था। कंपनी ने कहा, “टीएसजीईएनसीको ने भेल के साथ राज्य में कुल 6,000 मेगावाट क्षमता के नए ताप बिजली संयंत्रों की स्थापना के लिए एक एमओयू पर भी हस्ताक्षर किया है। इन सभी संयंत्रों के अगले तीन साल में चालू हो जाने की उम्मीद है।” 270 मेगावाट की चार नई परियोजनाओं में भेल डिजाइन, इंजीनियरिंग, विनिर्माण, आपूर्ति, निर्माण, स्थापना, परीक्षण और बिजली उत्पादन चालू करने जैसे कार्यो के लिए जिम्मेदार होगी।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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