प्रादेशिक
मुलायम से अखिलेश को आशीर्वाद मिलने के बाद शिवपाल ने बयां किया दर्द, कह दी ये बड़ी बात
लखनऊ। सहकारिता भवन में रविवार को एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने इशारों ही इशारों में अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा।
एक साप्ताहिक पत्रिका के सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे शिवपाल ने कहा, ‘बहुत से लोगों को बिना काम के और बिना मेहनत के पद मिल जाता है वो लोग बहुत भाग्यशाली भी है जिनको बिना मेहनत के बहुत कुछ मिल जाता है। आज समय कम है बहुत कुछ नही कहूंगा। जितने लोगो का सम्मान हुआ है सबने अपनी अपनी फील्ड मे अच्छा काम किया है।
समाज मे सबको समानता का अधिकार भी मिलना चाहिए। इसीलिए हमने समाजवादी सेक्युलर मोर्चे का गठन किया है। इसी दृष्टि से जिन लोगों का सम्मान किया गया वो अच्छा काम कर रहे है’।
उन्होंने आगे कहा, ‘पद से कोई बड़ा नहीं होता है इंसान हमेशा काम करने से बड़ा होता है। गांधी जी, राम मनोहर लोहिया और जय प्रकाश नारायण के पास क्या पद थे, लेकिन काम की वजह से उनका सम्मान होता है।’
इस कार्यक्रम में 13 लोगों को सम्मानित किया गया जिनमें पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद और अनीस अंसारी भी शामिल थे। गौरतलब है कि समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के गठन के बाद शिवपाल यादव कई बार मंच से यह दावा कर चुके थे कि उन्हें मुलायम का समर्थन प्राप्त है। लेकिन रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर अखिलेश की साइकिल रैली में पहुंचकर मुलायम ने शिवपाल के सारे दावों को खोखला साबित कर दिया।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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