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नेशनल

क्रू मेंबर्स की भूल से बिगड़ी यात्रियों की तबीयत, अचानक कान-नाक से निकलने लगा खून

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मुंबई से जयपुर के लिए रवाना हुए जेट एयरवेज के विमान में उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब गुरुवार सुबह जा रही फ्लाइट में 30 यात्रियों के नाक और कान से खून निकलने लगा। दरअसल, क्रू मेंबर केबिन प्रेशर मेंटेन करने वाले स्विच को दबाना भूल गए थे, जिसके चलते फ्लाइट के ऊंचाई पर पहुंचने से लोगों को हवा की कमी महसूस हुई।

देखते ही देखते कुछ लोगों के नाक और कान से ब्लीडिंग होने लगी, और कुछ लोगों का सिर दर्द होने लगा। आनन-फानन में फ्लाइट को वापस मुंबई एयरपोर्ट में उतारा गया। सभी यात्रियों का मुंबई एयरपोर्ट में इलाज चल रहा है।

बता दें कि जेट एयरवेज़ का B737 की 9W 697 फ्लाइट मुंबई से जयपुर के लिए रवाना हो रही थी। जिस दौरान केबिन क्रू वो स्विच ही ऑन करना भूल गया, जिससे ऑक्सीज़न मेंटेन नहीं हो पाया। हादसे के बाद DGCA ने क्रू-मेंबर्स को रोस्टर से हटा दिया है। साथ ही दो पायलटों को भी हटा दिया गया है।

उसी फ्लाइट में इस डरावने पल को महसूस करने वाले सवार यात्री दर्शक हथी ने एक वीडियो ट्वीट किया है। जिसमें यह देखा जा सकता है कि कैसे सभी ऑक्सीजन मास्क पहने हुए हैं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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