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नेशनल

पायलट की सूझबूझ से बची 370 यात्रियों की जान, लैंडिंग से पहले ही खत्म हो चुका था तेल

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पायलट

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नई दिल्ली। भारत से न्यूयॉर्क की यात्रा कर रहे 370 लोगों को इस बात का बिलकुल भी अंदाज़ा नहीं था कि उनकी फ्लाइट न्यूयॉर्क पहुंचाने से पहले एक बड़े हादसे का शिकार होने वाली थी। हवाई जहाज में बैठे यात्री अपना सामान पैक कर चुके थे, थोड़ी ही देर में प्लेन लैंड करने जा रहा था, तभी विमान में बड़ी खराबी आ गई।

नई दिल्ली से उड़ान भर चुकी एयर इंडिया की फ्लाइट A-101 न्यूयॉर्क हवाईअड्डे पर लैंड होने ही वाली थी, कि मौसम खराब होने की वजह से लैंडिंग में देरी होने लगी। जिसकी वजह से पायलट चिंतित होने लगा। फ्लाइट 14 घंटे का सफर करने के बाद 370 पैसेंजर के साथ न्यूयॉर्क के जॉन एफ कैनेडी एयरपोर्ट पर लैंडिंग करने वाली थी।

वहीं दूसरी तरफ विमान में तकनीकी खराबी और तेल खत्म होने की वजह से पायलट की चिंताएं बढ़ने लगी थी। विमान में अचानक हुई इस खराबी की वजह से सफल लैडिंग होना मुश्किल सा लग रहा था, लेकिन पायलेट की सूझबूझ के वो सभी 370 जिंदगियां बचाने में सफल रहा। विमान की गड़बड़ी देख पायलट ने तुरंत न्यूयॉर्क ट्रैफिक कंट्रोल को इस बात की जानकारी दी।

न्यूयॉर्क ट्रैफिक कंट्रोल की ओर से पायलट की पूरी मदद करने की बात कही गई। खराब मौसम की वजह से उन्हें भी पायलट की मदद करना मुश्किल दिख रहा था। जिसकी वजह से ट्रैफिक कंट्रोल ने एयर इंडिया के इस विमान को नेवार्क के अल्टरनेट हवाई अड्डे पर उतारने की मज़ूरी दे दी, जो विमान के कुछ ही दूरी पर था।

विमान के तीनों इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम फेल होने के बावजूद पायलट विमान उतारने में कामयाब रहा। इस घटना के बाद एयर इंडिया ने सुरक्षा विभाग को ​इस घटना की जांच कराने के कड़े निर्देश दिए हैं। एअर इंडिया के प्रवक्ता प्रवीण भटनागर ने कहा है कि विमान सुरक्षा विभाग इस मामले की जांच कर रही है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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