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अन्तर्राष्ट्रीय

उज्बेकिस्तान : राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान जारी

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ताशकंद | उज्बेकिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रविवार को मतदान जारी है। यहां सुबह छह बजे से ही मतदान केंद्र खुल गए। समाचार एजेंसी तास के अनुसार, उज्बेकिस्तान के केंद्रीय निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि अगले पांच साल के लिए नए राष्ट्रपति को चुनने के लिए दो करोड़ लोग मतदान करने के पात्र हैं।

आयोग के प्रमुख मिर्जा उलुगबेक अब्दुसालोमोव ने कहा कि चुनाव के लिए 9,058 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें विदेशों में स्थित दूतावासों में स्थित 44 मतदान केंद्र भी शामिल हैं। रूस में भी दो मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, पहला राजधानी मॉस्को में और दूसरा साइबेरिया के नोवोसिबिर्क में। अब्दुसालोमोव ने कहा कि प्रारंभिक मतदान के परिणाम सोमवार को घोषित कर दिए जाएंगे और कोई भी एग्जिट पोल नहीं होगा। इस साल के चुनाव में चार उम्मीदवारों में मुकाबला नजर आ रहा है। इनमें लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के वर्तमान राष्ट्रपति इस्लाम करीमोव, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के खतमझों केटमोनोव, डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ उज्बेकिस्तान के अकमल सैदोव और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के नरीमन उमराव के नाम शामिल हैं।

2007 के बाद से उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में कुछ बदलाव भी हुए हैं। राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए कोई भी निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा नहीं हो सकता। इसके अलावा राष्ट्रपति के कार्यकाल को सात साल से घटाकर पांच साल कर दिया गया है। उज्बेकिस्तान में आखिरी बार 2007 में चुनाव हुए थे। नए नियमों के मुताबिक, अगर दो से अधिक उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, और किसी को भी आधे से अधिक मत नहीं मिलते हैं तो दोबारा चुनाव होंगे। जो दो उम्मीदवार सबसे अधिक मत हासिल करेगा उनके बीच दोबारा चुनाव होगा।

अन्तर्राष्ट्रीय

सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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