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प्रादेशिक

पेपर मिल कॉलोनी के गणपति का ढोल नगाड़ों के साथ हुआ विसर्जन

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लखनऊ। हर साल की तरह इस साल भी अक्षय समिति द्वारा गणेश चतुर्दर्शी पर पेपर मिल कालोनी में गणेश पूजा का आयोजन बड़े ही धूम धाम से किया गया। सोमवार को महाराष्ट्र के बैंड की मौजूदगी में विसर्जन यात्रा निकाली गई।

गणेश चतुर्दर्शी

इस दौरान ‘गणपति बाप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ’ के उदघोष के साथ भक्तों ने बप्पा को विदाई दी। सैकड़ों की संख्या में लोग ढोल-नगाड़ों के साथ बप्पा की विदाई यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान बैंड वादक मधुर ध्वनियां बिखेर रहे थे। बैंड वादकों द्वारा दी गई प्रस्तुति ने सब का मन मोह लिया।

गणेश चतुर्दर्शी

बता दें कि इस साल 13 सितंबर से 17 सितंबर तक पेपर मिल कालोनी में गणेश पूजा का आयोजन किया गया। यूपी के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने भी यहां पहुंचकर बप्पा का आशीर्वाद लिया। इस आयोजन में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। ‘शीरोज’ में कार्यरत एसिड अटैक पीड़िताओं को भी यहां सम्मानित किया गया। विख्यात गायक किशोर चतुर्वेदी ने भी अपनी गायिकी से यहां समां बांधा। कार्यक्रम में डांडिया नाइट का भी आयोजन किया गया। इस दौरान दूर दराज से आए भक्तों ने यहां भंडारे का स्वाद भी चखा।

इतना ही नहीं हर साल की तरह इस साल भी पेपर मिल कालोनी में रहने वाले छात्र-छात्राओं को शिक्षा के क्षेत्र में नाम रोशन करने के लिए सम्मानित किया गया।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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