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विदेश भागने से पहले वित्त मंत्री से मिला था विजय माल्या, कही थी ये बात
नई दिल्ली। नोटबंदी और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर लगातार घिरती जा रही सरकार के लिए अब एक और मुश्किल खड़ी हो गई है। देश के 9 हजार करोड़ रुपए लेकर भागे विजय माल्या ने बुधवार को लंदन के अदालत में पेशी के दौरान बताया कि भारत छोड़ने से पहले वह वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला था। माल्या के इस बयान से सियासी हलचल तेज गई। जिसके बाद जेटली को सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा।
जेटली ने बयान जारी कर कहा कि यह तथ्यात्मक रुप से गलत और सच्चाई से बिल्कुल परे है। जेटली ने कहा कि 2014 के बाद उन्होंने माल्या को कभी अपॉइंटमेंट नहीं दी, तो 2016 में उससे मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।
जेटली ने कहा कि, ‘राज्यसभा सदस्य होने के नाते उन्होंने एकबार मुझसे मिलने की कोशिश की थी जब मैं सदन से अपने कमरे में जा रहा था।’
जेटली आगे कहते हैं, ‘माल्या के हाथों में कुछ कागजात भी थे जिसे उन्होंने नहीं लिया क्योंकि उनकी बातों से राज्यसभा के विशेषाधिकारों के दुरुपयोग की आशंका थी। साथ ही, बैंकों के कर्ज से जुड़े उनके कारोबारी हित को देखते हुए उन्हें अपॉइंटमेंट देने का सवाल नहीं था।’
गौरतलब है कि किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्य बैंक से 9000 करोड़ की धोखाधड़ी के बाद से भारत से फरार हैं। माल्या को भारत लाने की तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक सरकार को कोई खास सफलता नहीं मिली है। फिलहाल प्रत्यर्पण का मामला लंदन की कोर्ट में चल रहा है, जिसका फैसला 10 दिसंबर को सुनाया जाएगा। फैसले के बाद ही यह तय हो पाएगा कि माल्या भारत की जेल में रहेगा या ब्रिटेन में आजाद घूमेगा।
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वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी होंगे नए नौसेना चीफ, 30 अप्रैल को संभालेंगे पदभार
नई दिल्ली। वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी नए नौसेना प्रमुख होंगे। दिनेश त्रिपाठी 30 अप्रैल को अपना नया पदभार संभालेंगे और इसी दिन मौजूदा नेवी चीफ आर हरि कुमार सेवानिवृत होंगे।दिनेश त्रिपाठी अभी नौसेना स्टाफ के वाइस चीफ हैं। वे इससे पहले पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं। अपने 39 साल लंबे करियर में उन्होंने भारतीय नौसेना के कई अहम असाइनमेंट्स पर काम किया है।
वाइस एडमिरल त्रिपाठी का 15 मई 1964 को जन्म हुआ था और एक जुलाई 1985 में वह भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे। संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ वाइस एडमिरल त्रिपाठी का करीब 30 वर्ष का लंबा और विशिष्ट करियर रहा है। नौसेना के उप प्रमुख का पद संभालने से पहले वह पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं।
उन्होंने आईएनएस विनाश की भी कमान संभाली थी। रियर एडमिरल के तौर पर वह ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग रह चुके हैं। वह भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला के कमांडेंट भी रह चुके हैं। सैनिक स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने गोवा के नेवल वॉर कॉलेज और अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज में भी कोर्स किया है। उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) और नौसेना मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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