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नेशनल

इस हफ्ते ही निपटा लें बैंक के सारे काम, अगले सप्ताह बैंक रह सकते हैं बंद

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अगर आप ये सोच रहे हो अगले हफ्ते बैंक में आपका कोई काम है तो कर पाएंगे तो आप गलत सोच रहे है। क्योंकि अगले महीने के पहले सप्ताह में बैंकों में लगातार 4 दिन का अवकाश रहेंगे। इससे बैंक से संबंधित काम प्रभावित हो सकते हैं। इस दौरान आम लोगों को एटीएम में कैश की परेशानी से भी जुझना पड़ सकता है।

आपको बता दें कि सितंबर महीने की शुरूआत में 2 सितंबर को रविवार के चलते बैंक बंद रहेंगे। इसके बाद 3 सितंबर को जन्माष्टमी की छुट्टी रहेगी। 4 और 5 सितंबर को पेंशन और अन्य मुद्दों को लेकर बैंक कर्मियों की हड़ताल है। इस वजह से बैंकों में कामकाज नहीं होगा। 6 और 7 सितंबर को बैंकें खुलेंगी और काम होगा, लेकिन इसके अगले 2 दिन फिर बैंक में अवकाश रहेगा। यानि 8 को दूसरा शनिवार और 9 को रविवार की छुट्टी रहेगी। हड़ताल और छुट्टी के दौरान कैश की सप्लाई भी नहीं होगी, ऐसे में लोगों को कैश की परेशानी सामने आ सकती है।

आपको बता दें कि जन्माष्टमी की छुट्टी के बाद 4 और 5 सितंबर को यूनाइटेड फोरम आॅफ रिजर्व बैंक आॅफिसर्स एंड एम्प्लॉइज एसोसिएशन के आह्वान पर हड़ताल की घोषणा की गई है। इस हड़ताल के चलते बैंकों में कामकाज नहीं होगा। ये हड़ताल पेंशन अपडेशन, पेंशन ओपनिंग सहित अन्य मांगों को लेकर बुलाई गई है। इन 2 दिनों में देशभर में बैंक अधिकारी-कर्मचारी सामूहिक रुप से अवकाश लेंगे। इस तरह सितंबर के पहले 10 दिनों में 6 दिन बैंकें बंद रहेंगी और बैंकों से जुड़ा कोई काम नहीं होगा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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