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नेशनल

राफेल डील पर और आक्रमक हुए राहुल गांधी, कहा- आपके पास केवल 6 घंटे बचे हैं

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राहुल गांधी

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नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में राफेल डील का मुद्दा जोर-शोर से उठाने वाले राहुल गांधी अब इस मुद्दे पर और भी ज्यादा आक्रमक नजर आ रहे हैं। बुधवार को राहुल ने इस पूरे मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग की थी।

राहुल गांधी

इसके लिए राहुल ने जेटली को चुनौती भरे अंदाज में 24 घंटों का अल्टीमेटम भी दिया था। गुरुवार को राहुल ने एक बार फिर इसी मुद्दे पर जमकर हमला किया।

चुनौती भरे लहजे में राहुल ने ट्वीट कर लिखा, ‘प्रिय मिस्टर जेटली, आपके पास राफेल मुद्दे पर जेपीसी गठित करने के लिए 6 घंटे से भी कम समय की डेडलाइन बची हुई है। युवा भारत इंतजार कर रहा है।

मुझे उम्मीद है कि आप मोदी जी और अनिल अंबानी जी को यह समझाने में व्यस्त होंगे की आखिर क्यों उन्हें आपको सुनना चाहिए और इसे मंजूरी देनी चाहिए।’

आपको बता दें कि राफेल के इस मुद्दे को कांग्रेस छोड़ने के मूड में नहीं दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस इस मुद्दे को आने वाले चुनाव में उठाने की तैयारी कर रही है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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