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नेशनल

महागठबंधन पर तैयार हुआ नया फॉर्मूला, सभी पार्टियों को मिलेगा जबरदस्त फायदा

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नई दिल्ली। 2019 चुनाव के लिए अब सभी दल पूरी तरह से कमर कंसते हुए नजर आ रहे हैं। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज करते हुए चुनाव के मद्देनजर ग्राउंड वर्क शुरु कर दिया है। हाल ही में बीजेपी चुनाव की तैयारियों को लेकर नई दिल्ली में मुख्यमंत्री परिषद की बैठक बुलाई जहां प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कई प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने शिरकत की।

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इस बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई। जहां एक ओर बीजेपी आम चुनाव के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रही है वहीं दूसरी ओर महागठबंधन की सुगबुगाहट भी तेज होने लगी है। इस बार महागठबंधन की पहल दिग्गज नेता शरद पवार ने की है। पवार ने इस बार महागठबंधन का ऐसा फॉर्मूला बताया जिस पर सभी दल सहमत हो सकते हैं।

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सोमवार को एनसीपी के एक कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि पहले चुनाव होने दीजिए और बीजेपी को सत्ता से बाहर कीजिए। इसके बाद फिर हम सब साथ बैठेंगे और जिस पार्टी की सीट सबसे ज्यादा होगी, वो पीएम पद के लिए दावा पेश कर सकता है। इस फॉर्मूले से देखा जाए तो सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को होता दिख रहा है।

कांग्रेस ने इस बार 200 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। जिसकी वजह से माना जा रहा है कि हर सीट पर कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकती है। वहीं कई क्षेत्रीय दलों को भी इससे फायदा मिलने की उम्मीद है। पवार के फॉर्मूले से क्षेत्रीय दलों को भी आशा की किरण दिखी है। अगर पवार के फॉर्मूले के सियासी मायने निकाले जाए तो अगर क्षेत्रीय दल एक जुट होकर अपना नेता तय कर ले तो उनका पलड़ा भारी नजर आएगा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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