प्रादेशिक
महिलाओं को किस करके इलाज करता था यह बाबा, पुलिस ने किया गिरफ्तार
नई दिल्ली। रामपाल और गुरमीत राम रहीम के बाद एक और कथित बाबा पुलिस की गिरफ्त में आया है। इस कथित बाबा को लोग किसिंग बाबा कहकर बुलाते थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह बाबा किस करके महिलाओं का इलाज करता था। अपने पास आने वाले लोगों से यह बाबा दावा करता था कि उसके पास भगवान द्वारा दी गई दिव्य शक्तियां है। असम का ये बाबा महिलाओं को गले लगाकर उन्हें किस करता था। इसी कारण इसे किसिंग बाबा कहा जाता था। इसका असली नाम राम प्रकाश चौहान है।
राम प्रकाश पर आरोप है कि वह महिलाओं की बीमारियां ठीक करने के नाम पर उन्हें किस करता था और गले लगाता था। उसका कहना है कि वह अपनी अलौकिक शक्तियों से बीमारियां ठीक कर सकता है। जब लोगों को बाबा की इन अश्लील हरकतों के बारे में पता चला तो बाबा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई जिसके बाद पुलिस ने बाबा को महिलाओं के साथ अश्लील हरकत करने के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
साथ ही आरोपी के पास इलाज कराने आने वाले लोगों से भी पूछताछ कर रही है। चौहान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि वह सिर्फ एक किस देता है। चौहान को आईपीसी की धारा 354, 417, 417 के तहत गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि हमारे देश में ऐसे और भी नामी-गिरामी बाबा पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं जो इलाज के नाम पर महिलाओं का शोषण किया करते थे।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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