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अन्तर्राष्ट्रीय

देश से 5 हजार किलोमीटर दूर भिड़ गए भारत-पाकिस्तान के जवान, जानिए किसकी हुई जीत

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भारत-पाकिस्तान

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नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान वैसे तो पड़ोसी देश है लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव हमेशा बना रहता है। यह तनाव बॉर्डर पर भी दिखता है और खेल के मैदान पर भी। भारत ने हर युद्ध में पाकिस्तान हमेशा धूल चटाई है। इसी बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है। रुस में हुए एक युद्ध में पाकिस्तान को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है।

अगर आप भी सीमा पर लड़े जाने वाली जंग के बारे में सोच रहे हैं तो बता दें कि हम सीमा पर लड़ी जाने वाली जंग की नहीं बल्कि खेल के मैदान वाली जंग की बात कर रहे हैं। दरअसल, भारत, पाकिस्तान, रुस और शंघाई कॉरपोरेशन में शामिल अन्य सभी देशों के सैनिक मिलिट्री एक्सरसाइज कर रहे हैं। यहां भारत ने अपनी राजपूत रेजिमेंट को भेजा है। ये वही रेजिमेंट है जिसने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए थे।

भारत-पाकिस्तान

मिलिट्री एक्सरसाइज से इतर यहां भारत और पाकिस्तान की सेना के बीच एक वालीबॉल मैच भी खेला गया जिसमें भारतीय सेना की टीम ने पाकिस्तानी सेना की टीम को रौंद दिया। यहां भारतीय सेना को रूस तो वहीँ पाकिस्तानी सेना को चीनी सेना चीयर कर रही थी। भारत के हाथों मिली हार के बाद पाकिस्तान और चीन के सैनिकों के मुंह उतरे हुए थे।

भारत-पाक मिलिट्री एक्सरसाइज को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है और यह एक अच्छा मिलिटरी और डिप्लोमेटिक कदम है।

भारत-पाकिस्तान

शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के शांति मिशन-2018 के तहत यह अभ्यास हो रहा है। भारत, पाकिस्तान के साथ ही चीन, रूस और शंघाई कॉरपोरेशन में शामिल सभी देश हिस्सा ले रहे हैं। इसमें सेनाओं को एंटी टेररिजम ऑपरेशंस के लिए ट्रेनिंग मिलेगी, जो 29 अगस्त तक चलेगी।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।

चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।

उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”

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