Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

गुजरात में आए भूकंप में भक्ति धाम मनगढ़ ने अटल बिहारी वाजपेयी को सौंपा था लाखों का चेक

Published

on

Loading

प्रतापगढ़: गुजरात में आए भूकंप की घटना तो शायद अभी तक सभी को याद होगी | 2001 में कच्छ में आए भूकंप की घटना में हजारों लोगों की मौत हो गई थी और लाखों लोग बेघर हो गए थे | उस समय देश के सभी लोगों ने भूकंप पीड़ितों के लिए दुआ की थी |

Image result for gujarat bhukamp

 

इसी भूकंप पीड़ितों की मदद करने के लिए जगद्गुरु कृपालुजी महाराज के आदेश पर ट्रस्ट के प्रचारक राधिका शरण की अगुवाई में तत्कालीन दिल्ली के मुख्यमंत्री साहब सिंह वर्मा के साथ दादर योगेश्वरी देवी प्रचारक एवं भक्ति धाम मनगढ़ की शिष्या डॉक्टर भगवंती देवी लेक्चरर ग्वालियर के साथ तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से दिल्ली में मुलाकात कर कच्छ में आए भूकंप पीड़ितों के लिए करीब 20,00000 रुपए का आर्थिक मदद का चेक दिया था | साथ ही भक्ति धाम मनगढ़ के बारे में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को विस्तृत जानकारी दी गई थी |

Image result for jagat guru kripalu parishat

 

आपको बता दे, उस समय जगद्गुरु कृपालुजी महाराज की उम्र करीब 78 साल की थी | वैसे तो ट्रस्ट द्वारा देश में जब भी कभी देवी यात्रा जैसी घटनाएं हुई हैं तो ट्रस्ट द्वारा हरदम लाखों करोड़ों रुपए की मदद पीड़ितों को पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के माध्यम से दान स्वरूप भेजा गया है|

 

 

आध्यात्म

आज होगी मां दुर्गा के अष्टम रूवरूप महागौरी की पूजा-अर्चना, इन बातों का रखें ख्याल, मिलेगी विशेष कृपा

Published

on

By

Loading

नवरात्र पर्व के आठवें दिन महागौरी की पूजा होती है। महागौरी गौर वर्ण की है और इनके आभूषण और वस्त्र स्वेत रंग के हैं। इनकी उम्र आठ साल की मानी गई है। इनकी चार भुजाएं है और वृषभ पर सवार होने के कारण इन्हें वृषारूढा भी कहा जाता है। सफेद वस्त्र धारण करने के कारण इन्हें स्वेतांबरा भी कहा गया है।

मां महागौरी देवी पार्वती का एक रूप हैं। पार्वती ने भगवान शिव की कठोर तपस्या करने के बाद उन्हें पति के रूप में पाया था। कथा है कि एक बार देवी पार्वती भगवान शिव से रूष्ट हो गईं। इसके बाद वह तपस्या पर बैठ गईं। जब भगवान शिव उन्हें खोजते हुए पहुंचे तो वह चकित रह गए। पार्वती का रंग, वस्त्र और आभूषण देखकर उमा को गौर वर्ण का वरदान देते हैं। महागौरी करुणामयी, स्नेहमयी, शांत तथा मृदुल स्वभाव की हैं। मां गौरी की आराधना सर्व मंगल मंग्लये, शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्रयंबके गौरि नारायणि नमोस्तुते..। इसी मंत्र से की जाती है। कहा जाता है कि एक बार भूखा शेर उन्हें निवाला बनाने के लिए व्याकुल हो गया पर उनके तेज के कारण वह असहाय हो गया। इसके बाद देवी पार्वती ने उसे अपनी सवारी बना लिया था। मां के आठवें स्वरूप महागौरी की आराधना करने से धन, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

अष्टमी के दिन करें कन्या पूजन

नवरात्र पर्व पर दुर्गाष्टमी के दिन कन्याओं की पूजा की जाती है। जिसे कंचक भी कहा जाता है। इस पूजन में नौ साल की कन्याओं की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि महागौरी की उम्र भी आठ साल की थी। कन्या पूजन से भक्त के पास कभी भी कोई दुख नहीं आता है और मां अपने भक्त पर प्रसन्न होकर मनवांछित फल देती हैं।

महागौरी की पूजा का महत्व

आदि शक्ति देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप की पूजा करने से सभी ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। महागौरी की आराधना से दांपत्य जीवन, व्यापार, धन और सुख समृद्धि बढ़ती है। जो भी देवी भक्त महागौरी की सच्चे मन से आराधना व पूजन अर्चन करता है उसकी सभी मुरादें पूरी करती हैं। पूजा के दौरान देवी को अर्पित किया गया नारियल ब्राम्हण को देना चाहिए।

कन्या पूजन विधि

नवरात्रि की अष्टमी के दिन कन्याओं को उनके घर जाकर निमंत्रण दें।

इसके बाद कन्याओं का पूरे परिवार के साथ चावल और फूल के साथ स्वागत करें।

नवदुर्गा के सभी नामों के जयकारे लगाएं। फिर कन्याओं को आरामदायक और साफ जगह पर बैठा दें।

सभी कन्याओं के पैर धोकर अच्छे से साफ करें। फिर सभी का कुमकुम का टिका लगाएं।

इन सभी कन्याओं को मां भगवती का स्वरुप समझकर उन्हें भोजन कराएं।

अंत में उन्हें दक्षिणा और कुछ उपहार देकर ही घर से विदा करें।

कन्या पूजन में इन बातों का रखें खास ख्याल

ध्यान रखें की कन्या पूजन में 9 कन्याओं के साथ 1 बालक को जरूर बैठाएं। बालक को भैरव का रूप माना जाता है।

कन्याओं के तुरंत बाद लाकर उनके हाथ पैर जरुर धुलवाए और उनका आशीर्वाद लें।

कुमकुम का तिलक लगाने के बाद सभी कन्याओं को कलावा भी जरुर बांधे।

 

 

 

Continue Reading

Trending