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शिव कुमार चले गए थे फिल्म देखने और वाजपेयी कर रहे थे इंतजार और फिर …….
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पिछले 24 घंटे में उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ है। अपनी प्रतिभा, नेतृत्व क्षमता और लोकप्रियता के कारण वे चार दशकों से भी अधिक समय तक सांसद रहे। वाजपेयी का गुरुवार शाम को एम्स में निधन हो गया था।
भाजपा के मुख्यालय में शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम दर्शन के लिए विशिष्ट जनों और आम जनता का हुजूम उमड़ पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ भाजपा नेता एल. के. आडवाणी और माकपा नेता सीताराम येचुरी सहित कई नेताओं और हजारों लोगों ने दिवंगत नेता को श्रद्धासुमन अर्पित किए। वाजपेयी के सबसे करीबी रहे शिव कुमार से जुड़ा एक किस्सा आज हम आपको बातने जा रहे है। जिससे उनके स्वभाव का पता चलता है –
पिछले पांच दशकों से वाजपेयी के सबसे करीबी रहे शिव कुमार के शब्दों से समझा जा सकता है। शिव कुमार एक घटना बताते हैं कि “उन दिनों मैं उनके साथ फ़िरोज़शाह रोड पर रहा करता था वो बेंगलुरु से दिल्ली वापस लौट रहे थे। मुझे उन्हें लेने हवाई अड्डे जाना था। जनसंघ के एक नेता जेपी माथुर ने मुझसे कहा चलो रीगल में अंग्रेज़ी पिक्चर देखी जाए। छोटी पिक्चर है जल्दी ख़त्म हो जाएगी। उन दिनों बेंगलुरु से आने वाली फ़्लाइट अक्सर देर से आती थी। मैं माथुर के साथ पिक्चर देखने चला गया।
उस दिन पिक्चर लंबी खिंच गई और बेंगलुरु वाली फ़्लाइट समय पर लैंड कर गई। मैं जब हवाई अड्डे पहुंचा तो पता चला कि फ़्लाइट तो कब की लैंड कर चुकी थी। घर की चाभी मेरे पास थी। मैं डरता हुआ फ़िरोज़ शाह रोड पहुंचा। वाजपेयी अपनी अटैची पकड़े लॉन में टहल रहे थे। उन्होंने मुझसे पूछा कहाँ चले गए थे? मैंने डरते हुए कहा कि पिक्चर देखने गया था। वाजपेयी ने मुस्कराकर कहा यार हमें भी ले चलते। चलो कल चलेंगे। ज़ाहिर है कि स्वभाव से फक्कड़ अटल में सत्ता या सियासत से आने वाली अहंमन्यता जगह नहीं बना सकी।
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वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी होंगे नए नौसेना चीफ, 30 अप्रैल को संभालेंगे पदभार
नई दिल्ली। वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी नए नौसेना प्रमुख होंगे। दिनेश त्रिपाठी 30 अप्रैल को अपना नया पदभार संभालेंगे और इसी दिन मौजूदा नेवी चीफ आर हरि कुमार सेवानिवृत होंगे।दिनेश त्रिपाठी अभी नौसेना स्टाफ के वाइस चीफ हैं। वे इससे पहले पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं। अपने 39 साल लंबे करियर में उन्होंने भारतीय नौसेना के कई अहम असाइनमेंट्स पर काम किया है।
वाइस एडमिरल त्रिपाठी का 15 मई 1964 को जन्म हुआ था और एक जुलाई 1985 में वह भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे। संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ वाइस एडमिरल त्रिपाठी का करीब 30 वर्ष का लंबा और विशिष्ट करियर रहा है। नौसेना के उप प्रमुख का पद संभालने से पहले वह पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं।
उन्होंने आईएनएस विनाश की भी कमान संभाली थी। रियर एडमिरल के तौर पर वह ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग रह चुके हैं। वह भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला के कमांडेंट भी रह चुके हैं। सैनिक स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने गोवा के नेवल वॉर कॉलेज और अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज में भी कोर्स किया है। उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) और नौसेना मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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