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चुनाव आयोग ने की है बड़ी तैयारी, सोशल मीडिया पर हेट स्पीच फैलाने वालों पर कसेगा शिकंजा
2019 के आम चुनाव को देखते हुए राजनीतिक दलों के साथ साथ चुनाव आयोग ने भी कमर कस ली है। चुनाव की शुचिता बनाये रखने के लिए इसबार आयोग ने स्पेशल तैयारी की है। मौजूदा दौर में चुनाव सोशल मीडिया पर लड़े जाते हैं इसलिए आयोग ने सोशल मीडिया पर हेट स्पीच रोकने के लिए टीम गठित कर दी है। यह पैनल सभी सोशल मीडिया माध्यमों पर निगरानी रखेगा।
चुनाव आयोग के कमिश्नर अशोक लवासा ने बताया कि “यह पैनल सोशल मीडिया पर लोगों की गतिविधियों पर नजर रखेगा। देश ने पिछले कुछ महीनों में धार्मिक और जातीय तनाव देखने को मिला है, जिसमे इस वर्ष 24 लोगों की जान चली गई है। इसमे अधिकतर लोगों की जान सोशल मीडिया पर अफवाह की वजह से गई है, जिसमे गो तस्करी, बच्चा अपहरण गिरोह, जैसी अफवाहें शामिल हैं। फेक न्यूज और पेड न्यूज काफी गंभीर मुद्दा है।”
पिछले कुछ महीनों में देश ने धार्मिक और जातीय तनाव देखने को मिला है, जिसमें इस वर्ष 24 लोगों की जान चली गई है। इसमें अधिकतर लोगों की जान सोशल मीडिया पर अफवाह की वजह से गई है, जिसमें गो तस्करी, बच्चा अपहरण गिरोह, जैसी अफवाहें शामिल हैं। फेक न्यूज और पेड न्यूज काफी गंभीर मुद्दा है।
लवासा ने बताया कि तकरीबन 87.5 करोड़ नागरिक इस बार वोट करने के लिए योग्य हैं जोकि पूरे यूरोप की आबादी के बराबर है। चुनाव प्रक्रिया में 1.1 करोड़ पोल वर्कर लगेंगे और सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे जोकि इस चुनाव को संपन्न कराने में आयोग की मदद करेंगे।
नेशनल
सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।
केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।
याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।
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