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प्रादेशिक

15 अगस्त के दिन मदरसों में भी गूंजेंगे ‘भारत मां की जय’ के नारे, जारी हुआ सर्कुलर

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मदरसों

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लखनऊ। अब हर स्कूलों की तरह मरदसों में भी 15 अगस्त के दिन भारत माता की जय के नारे लगेंगे। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने सर्कुलर जारी कर निर्देश दिया कि इस स्वतंत्रता दिवस पर वक्फ बोर्ड के अधीन आने वाले सभी मदरसों में भारत मां की जय के नारे लगेंगे। आपको बता दें कि यह पहली दफा है कि मदरसों के लिए इस तरह का सर्कुलर जारी किया गया है।

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने बताया, “वक्फ बोर्ड के अधीन व वक्फ की जमीन पर जहां भी स्कूल, कॉलेज व मदरसे बने हुए हैं, उनमें ‘भारत माता की जय’ का उद्घोष किया जाएगा।”

उन्होंने कहा, “सभी मदरसों में 15 अगस्त को राष्ट्र गान व झंडा रोहण कराया जाए, क्योंकि 15 अगस्त आजादी के लिए जीत मिलने का दिन है और भारत की जीत का नारा ‘भारत माता की जय’ है।”

रिजवी ने कहा कि मदरसों और स्कूलों में यह नारा जरूर लगवाया जाए, और इसके लिए सभी मुतावल्लियों और प्रबंध समितियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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