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नेशनल

कमल के बजाय गुलाब से हुआ शाह का स्वागत, बोले- “2019 जीते तो परिवाद खत्म कर देंगे”

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मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में चल रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दूसरे दिन समापन करने पहुंचे पार्टी प्रमुख अमित शाह ने कहा कि अगर 2019 का लोकसभा चुनाव जीते और देश चलाने का लंबा समय मिला तो परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टीकरण पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। यहां सुभारती विश्वविद्यालय में भाजपा कार्यसमिति बैठक में पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते 2019 चुनाव जीतने के बाद अपने उद्देश्य बताए।

अमित शाह ने कहा, “बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश में नहीं रहने दिया जाएगा। हम पूरे संकल्पबद्ध हैं कि शरणार्थियों को पूरा सम्मान व नागरिकता मिले।” महागठबंधन पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा, “महागठबंधन से कैसे लड़ना है, यह पार्टी पर छोड़ दीजिए। आप लोग बस गली-मोहल्लों तक पहुंचिए। यदि आप लोग चट्टान की तरह खड़े रहेंगे, तो जीत निश्चित है।” उन्होंने कहा, “2019 के चुनाव का रोडमैप उत्तर प्रदेश ही तय करेगा। अगर हम 2019 का चुनाव जीतते हैं और देश चलाने का लंबा समय मिला तो तुष्टीकरण, जातिगत भेदभाव व परिवारवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। देश 15 प्रतिशत जीडीपी पर पहुंच जाएगा तो हम विश्व में एक शक्ति बन जाएंगे।”

मेरठ के सुभारती विश्वविद्यालय के शहीद मातादीन वाल्मीकि परिसर में दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति के समापन सत्र में शाह के पहुंचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम स्थल पर योगी आदित्यनाथ के साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ़ दिनेश शर्मा ने भी कमल के बजाय गुलाब का फूल देकर शाह का स्वागत किया।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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