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आध्यात्म

सूर्य ग्रहण: मीलों दूर घटने वाली एक खगोलीय घटना कैसे डालेगी आपके आने वाले कल पर असर?

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नई दिल्ली। इस वर्ष 11 अगस्‍त शनिवार यानी कि आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा इसलिए इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है। यह आखिरी सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, साउथ कोरिया, मास्को और चीन सहित कुछ देशों में दिखेगा। भले ही यह ग्रहण भारत में नहीं पड़ रहा है, लेकिन राशियों पर इसका असर पड़ेगा।

घबराइए नहीं हम आपको बताएंगे कि इस सूर्य ग्रहण से राशियों पर क्या असर पड़ेगा। आइए जानते हैं,

मेष राशि- मेष राशि वालों के लिए अच्छा साबित होगा। धार्मिक कार्यों में वृद्धि होगी और किसी नए कार्य की शुरुआत करने के लिए आज का दिन अच्छा साबित होगा।

वृष राशि- स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहिए। किसी अनचाही बाधा का सामना करना पड़ सकता है। धन का व्यय रहेगा।

मिथुन राशि- पेट से संबधी बीमारी हो सकती है। राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।

कर्क राशि- इस राशि वालों के लिए इस समय पर अधिक खर्चे का सामना करना पड़ सकता है। किसी बात को लेकर मानसिक चिंता भी हो सकती है। शिव उपासना करें।

सिंह राशि- सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य सुख में कमी आएगी। मानसिक चिंता सता सकती है।

कन्या राशि- स्वास्थ्य खराब रहेगा। उदर विकार से कष्ट संभव है। वाणी पे संयम रखें। मूंग का दान करें। मित्रों से लाभ प्राप्ति।

तुला राशि- कोई नया काम शुरू करने का सही समय है। दुर्गा चालिसा का पाठ करें।

वृश्चिक राशि- सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। किसी विवाद में पड़ सकते हैं। वाणी पर संयम रखें। सुंदरकांड का पाठ करें।

धनु राशि- स्वास्थ्य सुख में कमी आएगी। धन का व्यय रहेगा। मानसिक चिंता सताएगी।

मकर राशि- अपने स्वास्थ्य ध्यान का रखें। कोई बेवजह का विवाद हो सकता है। हनुमान चालिसा पाठ करें।

कुंभ राशि- पेट संबंधी परेशानी हो सकती है।शिक्षा में प्रगति होगी, धन का आगमन होगा।

मीन राशि- स्कूली छात्रों के लिए अच्छे संकेत हैं। स्वास्थ्य में सुधार होगा। दोस्तों का सहयोग मिलेगा।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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