Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

मुजफ्फरपुर की घटना के बाद पहली बार आया नीतीश कुमार का बयान, कह डाली इतनी बड़ी बात

Published

on

नीतीश कुमार

Loading

पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका आश्रय गृह में 34 लड़कियों के साथ हुए दुष्कर्म के बाद पहली बार बिहार के मुख्यमंंत्री नीतीश कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। शुक्रवार को एक कार्यक्रम में इस शर्मनाक घटना के बारे में बोलते हुए  नीतीश कुमार ने कहा कि इस घटना ने उन्हें शर्मसार किया और पीड़ा पहुंचाई है।

इस घटना के बाद उन्होंने बिहार के लोगों को भरोसा दिलाया कि कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरपुर की चर्चा करते हुए कहा, “समाज में ऐसी मानसिकता के लोग भी होते हैं। इससे आत्मग्लानि होती है।”

उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है। उन्होंने कहा, “महाधिवक्ता से कहा गया है कि इस मामले की जांच पटना उच्च न्यायालय की निगरानी में हो।”

नीतीश ने बताया कि इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना को एक सबक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना से न केवल सबक सीखना चाहिए, बल्कि व्यवस्था में सुधार का प्रयास भी किया जाना चाहिए।

मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामला तब प्रकाश में आया, जब बिहार समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) द्वारा बिहार के सभी आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करवाया था, जिसमें आश्रय गृह की बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया। इस सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सिफारिश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस आश्रय गृह दुष्कर्म मामले की जांच अपने हाथों में ले ली। इस मामले को लेकर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साध रहा है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending