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बिजनेस

टीसीएस को पछाड़ मार्केट किंग बनी रिलायंस कंपनी

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रिलायंस

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नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक रिलायंस के नाम एक और उप्लब्धि जुड़ गई है। रिलायंस ने देश की सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनी बन गई है। मंगलवार को रिलायंस का मार्केट कैप 7.43 लाख करोड़ रुपए हो गया। इसके साथ ही रिलायंस ने टीसीएस को पछाड़ कर देश की सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनी का खिताब हासिल कर लिया।

टीसीएस का मार्केट कैप 7.39 लाख करोड़ रुपए रहा

बता दें मार्केट कैप के मामले में भारत की एक और बड़ी कंपनी टीसीएस लंबे वक्त से देश की नंबर 1 कंपनी बनी हुई थी। लेकिन इस बार रिलायंस ने ताज टीसीएस से छीन लिया। वहीं मंगलवार को आरआईएल यानि रिलायंस के शेयर में 2 फीसदी से ज्यादा तेजी रही और रिलायंस के शेयर का रेट 1175 रुपए पहुंच गया था। इसके चलते कंपनी का मार्केट कैप करीब 16000 करोड़ से बढ़कर 7.44 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया और इसी के साथ रिलायंस कंपनी सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनी बन गई।

टाटा कंपनी को भी हुआ घाटा

एकतरफ रिलायंस की दौलत बढ़ी तो वहीं दूसरी तरफ टाटा की कंपनी टीसीएस को नुकसान हुआ। मंगलवार के टीसीएस के शेयर में 0.70 फीसदी की गिरावट आई और उसका मार्केट कैप 6000 करोड़ रुपए घटकर 7.39 लाख करोड़ रह गया।

बिजनेस

मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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