अन्तर्राष्ट्रीय
व्लादिमीर पुतिन बनाना चाहते हैं ट्रम्प को अपना मेहमान, लेकिन क्यों?
नई दिल्ली। विश्व के दो सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका और रूस के आपस में कैसे रिश्ते हैं इससे पूरा विश्व वाकिफ़ है। रुस के राष्ट्रपति ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मेहमान के रूप में अपने देश आने का न्योता दिया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मेहमान के रूप में मॉस्को बुलाना चाहते हैं।
अमेरिका ने फ़ैसले का किया स्वागत:
अमेरिका ने रूस के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है। ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने साउथ अफ्रीका पहुंचे पुतिन ने कहा कि, “दोनों देशों में एक और शिखर सम्मेलन के लिए ‘उचित परिस्थितियों’ की आवश्यकता थी।” पिछले सप्ताह दोनों नेता हेलसिंकी समिट में मिले थे, जिसके बाद अमेरिकी राजनीति में इसे बहुत ही उग्र रूप से देखा गया था।
दो परमाणु शक्तियों के बीच संबंधों को बेहतर बनाना चाहते हैं ट्रम्प:
व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रम्प एक और शिखर सम्मेलन को लेकर उत्साहित थे। ट्रम्प ने कहा है कि वह दो परमाणु शक्तियों के बीच संबंधों को बेहतर बनाना चाहता है, जिनके संबंध शीत युद्ध के बाद पिछले कुछ वर्षों से सही नहीं चल रहे हैं।
जल्द वॉशिंगटन पहुंच सकते है राष्ट्रपति पुतिन:
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने एक बयान में कहा, “राष्ट्रपति पुतिन के वॉशिंगटन पहुंचने की उम्मीद है और औपचारिक निमंत्रण मिलने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप के लिए भी मॉस्को जाने के दरवाजे खुले हैं।” बता दें कि 2016 अमेरिका चुनाव में मास्को के हस्तक्षेप के सवाल पर पुतिन का सही से सामना नहीं कर पाने की वजह से ट्रंप को उनके ही घर में नेताओं ने घेर लिया था। हेलसिंकी समिट को लेकर अमेरिकी नेताओं ने ट्रंप को पुतिन से कमजोर तक बताया था।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।
चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।
उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”
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