आध्यात्म
सावन में इन राशि वालों का चमक उठेगा भाग्य, मिलेगा ढेर सारा पैसा और प्यार
सनातन धर्म के अंतर्गत ईश्वर की पूजा करने से भाग्योदय होता है। हमारे धर्म में ईश्वर स्तुति के ऐसे विधान दिए गए हैं जिसके अनुसरण मात्र से सभी दुःख और दर्द खत्म हो जाते हैं। भाग्य उत्तम हो जाता है और घर मे खुशहाली छा जाती है। इस सावन मास में दैवीय कृपा सीधे सीधे बरस रही है। पर, इन चार राशि वाले जातकों के लिए यह सावन काफी बेहतरीन है।
मेष – शासन सत्ता का सहयोग रहेगा। आप जिसे प्यार करते है उनसे जुड़े समाचार मिलना भी संभव है। आपका यह दिन खुशियों की सौगात लेकर आने वाला है। आपकी हर तमन्ना पूरी होने वाली है।
धनु – स्टूडेंट्स लाइफ वालों के लिए यह पारी उनको सफलता दिलाएगी। इनको परीक्षा से संबंधित सफलता भरी बड़ी खुशखबरी मिलेगी। नौकरों और सहकर्मियों से परेशानी होने की संभावना को ख़ारिज नहीं किया जा सकता है।
तुला – आपकी राशि से छठे घर में मंगल जो कि उच्च के हैं वे भी वक्री होकर गोचर कर रहे हैं यह भी आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने का आग्रह कर रहे हैं।
कन्या – पति-पत्नी के बीच मन-मुटाव हो सकता है। किसी को प्रपोज करने की सोच रहे हैं तो आपके लिए समय अच्छा है। पार्टनर को लैटर लिखने से उनको खुशी होगी। आपको सफलता मिल सकती है। बड़े लोगों से सहयोग मिल सकता है।
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आध्यात्म
होलिका दहन पर भद्रा का साया, जानें शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली। 24 मार्च यानी आज होलिका दहन मनाया जाएगा. होली के एक दिन पहले होलिका दहन होती है जिसमें लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। इस दिन भद्रा का साया रहेगा. जबकि रंग वाली होली 25 मार्च को रंग-गुलाल उड़ेंगे। इस साल होली पर साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। आइए जानते हैं कि इस साल होलिका दहन पर भद्रा का साया कब से कब तक रहेगा और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है.
होलिका दहन पर भद्रा कब से कब तक?
24 मार्च को होलिका दहन के दिन भद्रा का साया सुबह 9 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इसलिए आप रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन कर पाएंगे।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से लेकर 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च को रात 11.13 बजे से रात 12.27 बजे तक रहेगा।
होलिका दहन की पूजन विधि
होलिका दहन के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। शाम के वक्त होलिका दहन के स्थान पर पूजा के लिए जाएं। यहां पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें. सबसे पहले होलिका को उपले से बनी माला अर्पित करें। अब रोली, अक्षत, फल, फूल, माला, हल्दी, मूंग, गुड़, गुलाल, रंग, सतनाजा, गेहूं की बालियां, गन्ना और चना आदि चढ़ाएं।
फिर होलिका पर एक कलावा बांधते हुए 5 या 7 बार परिक्रमा करें. होलिका माई को जल अर्पित करें और सुख-संपन्नता की प्रार्थना करें। शाम को होलिका दहन के समय अग्नि में जौ या अक्षत अर्पित करें. इसकी अग्नि में नई फसल को चढ़ाते हैं और भूनते हैं। भुने हुए अनाज को लोग घर लाने के बाद प्रसाद के रूप में बांटतें हैं। शास्त्रों में ऐसा करना बहुत ही शुभ माना गया है।
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