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मोदी ने लोहिया को श्रद्धांजलि दी

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नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को प्रख्यात समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि लोहिया ने भारतीय राजनीति पर एक गहरी छाप छोड़ी है। मोदी ने कहा, “मैं डॉ.राम मनोहर लोहिया की जयंती पर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। वह एक महान चिंतक थे जिन्होंने भारतीय राजनीति पर गहरी छाप छोड़ी।”

लोहिया ने 1963 में गैर कांग्रेसवाद का नारा दिया था, जिसके चार साल बाद कांग्रेस पार्टी को देश के कई हिस्सों में हार का सामना करना पड़ा था। मोदी ने अपने एक संक्षिप्त संदेश में कहा, “अन्य कई बातों के अलावा, स्वच्छता को लेकर डॉ. राम मनोहर लोहिया की प्रतिबद्धता हमें लगातार प्रेरित करती है।” 23 मार्च, 1910 को उत्तर प्रदेश में जन्मे लोहिया एक स्वतंत्रता सेनानी थे। वह महात्मा गांधी के एक करीबी सहयोगी थे। वह जवाहर लाल नेहरू के प्रशंसक थे लेकिन बाद में उनके आलोचक बन गए थे। उन्हें देश में समाजवादी आंदोलन के सर्वश्रेष्ठ नेता के तौर पर जाना जाता है।

लोहिया आजीवन अविवाहित थे और 12 अक्टूबर, 1967 को जब उनका निधन हुआ तो उनके पास न तो कोई संपत्ति थी और न ही कोई बैंक बैलेंस था। देश की आजादी की लड़ाई के दौरान वह कई बार जेल गए और यातनाएं झेली। लोहिया को अंग्रेजी भाषा और निजी स्कूलों से नफरत करने वाले व्यक्ति के रूप में भी जाना जाता था। उन्होंने अपने नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टियों में निचली जातियों को बढ़ावा दिया। यद्यपि वह समाजवादी थे, लेकिन उन्हें साम्यवाद से उतनी ही घृणा थी जितनी पूंजीवाद से।

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वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी होंगे नए नौसेना चीफ, 30 अप्रैल को संभालेंगे पदभार

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नई दिल्ली। वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी नए नौसेना प्रमुख होंगे। दिनेश त्रिपाठी 30 अप्रैल को अपना नया पदभार संभालेंगे और इसी दिन मौजूदा नेवी चीफ आर हरि कुमार सेवानिवृत होंगे।दिनेश त्रिपाठी अभी नौसेना स्टाफ के वाइस चीफ हैं। वे इससे पहले पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं। अपने 39 साल लंबे करियर में उन्होंने भारतीय नौसेना के कई अहम असाइनमेंट्स पर काम किया है।

वाइस एडमिरल त्रिपाठी का 15 मई 1964 को जन्म हुआ था और एक जुलाई 1985 में वह भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे। संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ वाइस एडमिरल त्रिपाठी का करीब 30 वर्ष का लंबा और विशिष्ट करियर रहा है। नौसेना के उप प्रमुख का पद संभालने से पहले वह पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं।

उन्होंने आईएनएस विनाश की भी कमान संभाली थी। रियर एडमिरल के तौर पर वह ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग रह चुके हैं। वह भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला के कमांडेंट भी रह चुके हैं। सैनिक स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने गोवा के नेवल वॉर कॉलेज और अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज में भी कोर्स किया है। उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) और नौसेना मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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